भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लहार से लगातार सात बार विधायक रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉक्टर गोविंद सिंह (Dr Govind Singh) मध्य प्रदेश में नए नेता प्रतिपक्ष होंगे। कमल नाथ के इस्तीफा (Kamal Nath resigns from the post of Leader of Opposition) देने के बाद आलाकमान ने डॉक्टर गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। इसी के साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) में नेता प्रतिपक्ष पद को लेकर चली आ रही अंदरूनी कलह और सियासत का आज पटाक्षेप हो गया।
भिंड जिले के लहार से 1990 से विधायक बन रहे डॉक्टर गोविंद सिंह को अब मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है और इस बाबत पत्र भी जारी कर दिया गया है। दरअसल अब से कुछ देर पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने की इच्छा जताते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा था जिसे तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया और डॉक्टर गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष की जवाबदेही सौंपी गई।
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इस पूरे मामले में सबसे रोचक बात यह है कि डॉक्टर गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की वकालत मध्य प्रदेश के गृह और जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा काफी लंबे समय से करते रहे हैं। हालांकि नरोत्तम का ये तंज कमलनाथ के दोहरे पद संभालने को लेकर होता था और नरोत्तम कई बार यह बात कह चुके थे कि कमलनाथ को अब कम से कम डॉक्टर गोविंद सिंह जैसे अनुभवी नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहिए।
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आपको बता दें कि डॉक्टर गोविंद सिंह मूलतः समाजवादी विचारधारा के नेता माने जाते हैं और 1990 में वे समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे। उसके बाद भी कांग्रेस में शामिल हो गए और दिग्विजय सिंह सरकार में 1998 से 2003 तक मंत्री भी रहे। कमलनाथ सरकार में भी उन्हें महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। डॉक्टर गोविंद सिंह आक्रामक किस्म की शैली और बिंदास व्यक्तित्व के मालिक माने जाते हैं और कांग्रेस का मानना है कि उनके नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद विधानसभा में अब कांग्रेस की धार तेज होगी।
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कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ को सम्बोधित करते हुए आज गुरुवार को एक पत्र जारी किया। पत्र में उन्होंने लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने मप्र विधानसभा में विधायक दल के नेता के पद (नेता प्रतिपक्ष) से आपके द्वारा दिए इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। आगे उन्होंने लिखा कि इसी साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने डॉ गोविन्द सिंह को नेता प्रति पक्ष बनाये जाने के प्रपोजल को भी स्वीकार कर लिया है।