भोपाल।
राजनैतिक पार्टियां भले ही महिलाओं को आगे बढाने के बड़े बड़े दावे करती हो लेकिन चुनाव के समय हर कोई टिकट देने से परहेज करने लगता है।चुनाव में हर राजनैतिक दल महिला वोट तो चाहता है लेकिन उन्हें मैदान में उतारना नही। इस बार भी लोकसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी की गई है। बीजेपी ने जहां तीन महिलाओं को टिकट दिया है वही कांग्रेस ने पांच ।पिछले चुनाव की बात करे तो बीजेपी ने पांच और कांग्रेस ने चार को उम्मीदवार बनाया था, जिसमें भाजपा की पांचों महिलाएं विजयी हुई और सांसद बनकर संसद पहुंची जिसमें से दो बड़े पदों पर भी बनी हुई है।
दरअसल, कांग्रेस ने अबतक 28 सीटों और बीजेपी ने 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे है। बाकी बची सीटों पर ऐलान होना बाकी है।कांग्रेस ने जहां इस लोकसभा चुनाव में 5 महिला प्रत्याशियों को टिकट देकर 17 फीसदी सीटों पर मौका दिया है, वही बीजेपी ने केवल तीन महिलाओं को मैदान में उतारा है।कांग्रेस ने टीकमगढ़ से किरण अहिरवार, खजुराहो से कविता सिंह, शहडोल से प्रमिला सिंह, राजगढ़ से मोना सुस्तानी और मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन को प्रत्याशी बनाया है।हालांकि इंदौर सीट पर अभी उम्मीदवार का ऐलान होना बाकी है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस यहां पुरुष उम्मीदवार को ही मौका देगी। वही बीजेपी ने भिंड से संध्या राय , सीधी से रीति पाठक और शहडोल – हिमाद्री सिंह को टिकट दिया है।हालांकि चार सीटों पर अब भी ऐलान होना बाकी है, जिसमें से इंदौर, भोपाल और विदिशा से महिला उम्मीदवार के उतारे जाने की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है कि दोनों तरफ से पांच पांच प्रत्याशी मैदान में होगी।
कांग्रेस के उम्मीदवारों में नटराजन पूर्व सांसद हैं तो प्रमिला सिंह पूर्व विधायक हैं।हालांकि प्रमिला कांग्रेस से विधायक नहीं रही थीं।हाल ही में उन्होंने बीजेपी छोड कांग्रेस ज्वाइन की है।वही कविता सिंह नगर पालिका खजुराहो की अध्यक्ष हैं तो मोना सुस्तानी जिला पंचायत की तीसरी बार सदस्य बनी हैं। केवल किरण अहिरवार को किसी चुनाव का अनुभव नहीं है।लेकिन किरण अहिरवार प्रदेश महिला कांग्रेस की सचिव रही है और उन्हें राजनीति की समझ है। उन्हें दिग्विजय सिंह ने टिकट दिलाया है, क्योंकि किरण उनके विश्वस्त नौकरशाह रहे आरएन बैरवा की बेटी हैं।हालांकि मोना सुस्तानी को भी दिग्विजय के कहने पर टिकट दिया गया है।जबकी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कई बार अपने भाषणों में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा टिकट देने की बात करते आए है।वही घोषणा पत्र में भी 33 प्रतिशत आरक्षण की बात कही गई है। वही रीती पाठक को दोबारा टिकट दिया गया है, और भिंड से संध्या और शहडोल से कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए हिम्रादी को टिकट दिया गया है। जबकी घोषणा पत्र ेमें 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और…।
वही अगर पिछले लोकसभा चुनाव की बात करे तो 2014 में पांच महिला सांसद चुनी गईं, ये सभी भाजपा की सांसद हैं। भाजपा ने कुल पांच महिलाओं को ही टिकट दिया था जिसमें सभी की जीत हुई। कांग्रेस ने 4 और बसपा ने एक महिला उम्मीदवार उतारा था, लेकिन कोई भी नहीं जीत सकीं।भाजपा की ओर से सुषमा स्वराज, सुमित्रा महाजन,ज्योति धुर्वे, सावित्री ठाकुर और रीति पाठक सांसद के रुप में लोकसभा तक पहुंचीं थीं जिनमें से सुमित्रा महाजन लोकसभा अध्यक्ष और सुषमा स्वराज विदेश मंत्री जैसे मुख्य पदों पर रहीं।