आज एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने जा रही हैं। इस बजट से आम आदमी को राहत मिलने की उम्मीद है। इस बजट के जरिए सरकार आम आदमी को क्या देगी यह तो इसके पेश होने के बाद ही पता चलेगा लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार चर्चा में बनी हुई हैं। यह चर्चा उन्होंने किसी और कारण से नहीं बल्कि अपनी साड़ी की वजह से बटोरी है। लोग इसे गुड लुक्स गुड बजट की हिंट मान रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के मौके पर आज खास साड़ी पहनी है। ये साड़ी मधुबनी पेंटिंग वाली है। इस साड़ी पर पद्म पुरस्कार विजेता दुलारी देवी की पेंटिंग हैं। दुलारी देवी को 2021 में पद्मश्री पुरस्कार मिला था। निर्मला सीतारमण ने जब मधुबनी की यात्रा की थी तो उन्होंने दुलारी देवी से मुलाकात भी की थी। दुलारी देवी ने तब उन्हें एक साड़ी गिफ्ट की थी और कहा था कि वो बजट के दिन इसे पहने।
मधुबनी साड़ी में 2025 का बजट (Budget 2025)
बजट के दिन वित्त मंत्री को मधुबनी आर्ट की साड़ी में देखा गया। यह साड़ी पहनकर उन्होंने इस कला के प्रति सम्मान जाहिर करने के साथ एक तरह से इसे प्रमोट भी कर दिया। बता दें कि इसे मिथिला आर्टिस्ट दुलारी देवी ने तैयार किया है। दुलारी देवी को अपने काम के लिए राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री अवार्ड मिल चुका है। वित्त मंत्री को उनकी बनाई गई साड़ी में देखकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने क्रीम रंग की मधुबनी साड़ी पहनी है। जिस पर गोल्डन बॉर्डर और खूबसूरत प्रिंट दिखाई दे रही है। पूरी बॉर्डर पर मछलियां बनी हुई है। साड़ी के साथ उन्होंने गोल्डन बॉर्डर ब्लाउज और मैचिंग रंग की शॉल कैरी की है। प्रसिद्ध आर्टिस्ट दुलारी देवी इस साड़ी को बजट के दिन पहनकर वित्त मंत्री ने कला के प्रति अपने झुकाव को दर्शाते हुए दुलारी देवी से किया गया वादा निभाया है।
हर बार खास रहता है लुक
यह पहली बार नहीं है जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के लुक को लेकर चर्चा हुई है। इसके पहले भी उन्होंने अपनी साड़ियों को लेकर चर्चा बटोरी है। वह आठवीं बार आम बजट पेश कर रही हैं। जब उन्होंने 2024 में एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट पेश किया था तब उन्हें ऑफ व्हाइट हैंडलूम साड़ी में देखा गया था। 2024 में मोदी 2.0 का अंतिम बजट पेश करते समय उन्होंने बंगाल की प्रसिद्ध कंथा कारीगरी की नीली रंग की टसल सिल्क साड़ी पहनी थी। इसके साथ उन्होंने गोल्डन रंग का ब्लाउज पहना था।
कैसी होती है मधुबनी साड़ी
मधुबनी साड़ी बिहार के मिथिला क्षेत्र में बनने वाली पारंपरिक और हस्त निर्मित साड़ी है। इसमें प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर विशिष्ट तरह के डिजाइन बनाए जाते हैं। यह साड़ियां रेशम और कपास के इस्तेमाल से तैयार की जाती है। मधुबनी साड़ी से जुड़ी पौराणिक कथाएं भी है जिनमें बताया जाता है की माता लक्ष्मी ने मत्स्य अवतार लिया था। मछली को धन का प्रतीक भी माना जाता है और इस प्रिंट की साड़ियां शुभ लाभ का प्रतीक मानी जाती है।
कौन है दुलारी देवी
निर्मला सीतारमण की साड़ी बनाने वाली दुलारी देवी की बात करें तो वह मछुआरा समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। इस समुदाय के लोग कला से जुड़े क्षेत्र में बहुत कम नजर आते हैं। दुलारी देवी ने नामी चित्रकार कर्पूरी देवी से इस कला को सीखा और ‘मधुबनी की दुलारी’ बन गई। हालांकि, उनका जीवन सरल नहीं रहा। 16 साल की उम्र में पति ने उन्हें छोड़ दिया उन्होंने अपना बच्चा भी खो दिया और हाउस मेड के तौर पर काम करती रही। वो अब तक से 10 हजार ज्यादा पेंटिंग बना चुकी है। उन्होंने मिथिला कला संस्थान और सेवा मिथिला संस्थान के जरिए हजारों बच्चों को चित्रकारी की ट्रेनिंग दी है।