भोपाल RTO का कारनामा, मृत व्यक्ति के नाम पर सरपट दौड़ रहीं बसें

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भोपाल। वैसे तो क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय हमेशा ही सुर्खियों में रहता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें भोपाल आरटीओ संजय तिवारी स्कूली बच्चों की जान से तो खिलवाड़ कर ही रहे साथ ही परिवहन विभाग के नियमों की भी धज्जियां उड़ा रहे हैं। चौंकाने वाली बात सामने आई है कि 33 माह पहले मोटर मालिक की मौत हो चुकी है फिर भी इन गाड़ियों को शादी पार्टी के लिए परमिट जारी किए जा रहे हैं मृतक मोटर मालिक के नाम से आरटीओ भोपाल में 5 गाड़ियां रजिस्टर्ड है इन पांच गाड़ियों में से तीन गाड़ियां स्कूल और कॉलेज में संचालित की जा रही है वहीं दो गाड़ियों का संचालन शादी पार्टी में किया जा रहा है। 

उल्लेखनीय है कि बागदिलकुशा निवासी अकील अहमद ने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पांच मार्च को शिकायत की थी, मेसर्स कुलदीप ट्रैवल्र्स के प्रोपराइटर कुलदीप सिंह के नाम से पांच बसें पंजीकृत हैं। इन बसों के ऑनर्स कुलदीप सिंह है, जिनकी मृत्यु साल 2016 में हो गई थी। इन पांच बसों (एमपी 04 पीए 2579, एमपी 04 पीए 2336, एमपी 04 पीए 3068, एमपी 04 पीए 3005 और एमपी 04 पीए 2771) का संचालन शहर के स्कूल, कॉलेज और शादी पार्टी में किया जा रहा है, जबकि नियमों के अनुसार मोटर मालिक की मृत्यु के बाद वैध उत्तराधिकारी के नाम वाहन 90 दिन में अंदर ट्रांसफर हो जाने चाहिए। इस शिकायत के आधार पर आरटीओ ने संबंधित मोटर मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं विभागीय सूत्र बताते हैं कि शिकायत मिलने के बाद इन बसों को सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन ब्लॉक कर दिया गया है। इधर, अधिकारियों ने शिकायतकर्ता की शिकायत के करीब एक माह हो जाने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई हैं।

नियमानुसार होनी चाहिए दोषियों पर एफआईआर

मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के अनुसार वाहन मालिक की मृत्यु होने के बाद वैध उत्तराधिकारी के नाम पर वाहन 90 दिनों के अंदर ट्रांसफर हो जानी चाहिए। लेकिन क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों ने वाहन मालिक के रिश्तेदारों से सांठगांठ कर ली है। इस वजह से इन बसों पर शिकायत के करीब एक माह बीत जाने के बाद भी कोई उचित कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। इधर, अधिकारियों की मिलीभगत से इन गाड़ियों को स्कूल और शादी पार्टी के परमिट भी निरंतर जारी किए जा रहे हैं। साथ ही लीज एग्रीमेंट पर मृतक मोटर मालिक के फर्जी हस्ताक्षर कर गाड़ियों का संचालन स्कूल और कॉलेज में भी किया जा रहा है । शिकायतकर्ता का कहना हैं कि फर्जी लीज एग्रीमेंट के आधार पर थाने में एफआईआर होनी चाहिए। लेकिन अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करने से बच रहे हैं।

इन अधिकारियों से की जा चुकी है शिकायत

शिकायतकर्ता ने 5 मार्च 2019 को प्रमुख परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त ग्वालियर और क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी भोपाल को भी शिकायत की है।

तत्काल होनी चाहिए कार्रवाई

शिकायतकर्ता अकील अहमद का कहना है कि इंदौर डीपीएस वाले मामले में जिस तरह से कार्रवाई करते हुए तत्कालीन आरटीओ एमपी सिंह को लाइन अटैच किया गया था और स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर हुई थी उसी प्रकार इस मामले में भी दोषियों के खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए साथ ही मिलीभगत कर इन वाहनों को स्कूल, कॉलेज और शादियों के लिए परमिट जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।

इनका कहना है 

यह मामला मेरे संज्ञान में है। इस मामले की जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट में जो भी दोषी पाया जाएगा। उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही इन वाहनों का पंजीयन भी निरस्त किया जाएगा।

– संजय तिवारी, प्रभारी आरटीओ, भोपाल


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