भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन सेंट्रल जेल में बंद एक आरोपी के सायबर हैकिंग के जरिए लाखों रुपये कमाने के मामलें में जेल डीजी अरविंद कुमार ने दो जेलर समेत एक सिपाही को जेल मुख्यालय अटैच कर दिया है। अटैच किये गए जेलर संतोष लड़िया, जेलर सुरेश कुमार गोयल और सिपाही धर्मेंद्र नागदेव है। राज्य सायबर पुलिस की जांच पूरी होने तक यह तीनों जेल मुख्यालय में ही अटैच रहेंगे। जेल डीजी ने आदेश जारी कर दिया है।
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गौरतलब है कि भैरवगढ़ जेल से साइबर क्राइम कर देशी और विदेशी बैंक खाते हैक करने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। जिसमें उप अधीक्षक और जेलर द्वारा ही जेल में बंद हैकर को लेपटॉप व इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था देकर साउथ कोरिया, सऊदी अरब और केलिफोर्निया से अपने खातों में विदेशी करंसी ट्रासंफर करवाई जा रही थी। जब इस मामले में खुद हैकर ने पिछले दिनों राज्य सायबर सेल को शिकायत की तो टीम भैरवगढ़ जेल पहुंची और अधिकारियों से पूछताछ कर जांच शुरु कर बंदी को भोपाल जेल में ट्रांसफर किया है। अब तक की जांच में सामने आया कि जेल प्रशासन से जुड़े करीब आधा दर्जन अधिकारियों के खातों में लाखों रुपए पहुंचे हैं जिनके बारे में सायबर सेल की एसआईटी जांच कर रही है।
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महाराष्ट्र का रहने वाला साइबर क्राइम एक्सपर्ट अमर आनंद अग्रवाल 15 फरवरी 2018 से सायबर ठगी के मामले में भैरवगढ़ जेल में बंद था। करीब 2 माह पूर्व अमर अग्रवाल ने राज्य सायबर सेल को शिकायत की है कि भैरवगढ़ जेल सहायक अधीक्षक सुरेश गोयल व अन्य अधिकारियों द्वारा उससे सायबर क्राइम करवाया जा रहा है। इसके लिए उसे लेपटॉप व इंटरनेट कनेक्शन तक दे रखा है। जिसमें डार्क वेब व बिट क्वाइन के जरिए डाटा जुटा देशी और विदेशी खातों में सेंध लगा रिश्तेदारों व अन्य अधिकारियों के खातों में करोड़ों रुपए ट्रांसफर करवाए गए। इस मामले में शिकायत के बाद जेल प्रशासन के बीच हड़कंप मच गया।