भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शहडोल के मेडिकल काॅलेज अस्पताल में बीते रविवार की सुबह शव वाहन न मिलने से 70 वर्षीया जयमंत्री यादव का शव बाइक से ले जाना पड़ा। अनूपपुर जिले के कोतमा गोडारू गांव तक 80 किमी का सफर तय करने लिये बेटे सुंदर यादव और परिजन ने 100 रूपये के पटियों का सहारा लिया। पटियों पर अर्थी की तरह शव रखा और फिर बाइक से बांधकर ले गये। परिवार प्रायवेट वाहन से शव ले जाने में असमर्थ था, क्योंकि वाहन 4-5 हजार रूपये में मिल रहा था।
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मामले के मीडिया में आने पर मेडिकल काॅलेज अस्पताल, शहडोल के अधीक्षक का कहना है कि एंबुलेंस की सुविधा नहीं है और न हीं शव वाहन है। दो एंबुलेंस दी गईं हैं, जिनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जा रही है। रजिस्ट्रेशन के बाद ही मरीजों को सुविधा दी जायेगी। मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर, स्वास्थ्य सेवायें, भोपाल, कमिश्नर, शहडोल संभाग सहित कलेक्टर, शहडोल, मेडिकल काॅलेज अस्पताल शहडोल के अधीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ), शहडोल से तीन सप्ताह में तथ्यात्मक जवाब मांगा है।