इंदौर। दिवंगत संत भय्यू महाराज की मौत के मामले में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार का पत्र लिखर संज्ञान लेने के आदेश दिए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। बता दें भय्यू महाराज की मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग जिला पंचायत उपाध्यक्ष भरत पोरवाल ने की थी।
भय्यू महाराज (50) ने बाइपास रोड स्थित अपने बंगले में 12 जून को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। अधिकारियों के मुताबिक पुलिस की शुरूआती जांच में सामने आया है कि भय्यू महाराज कथित पारिवारिक कलह से परेशान थे। हालांकि, पुलिस अन्य पहलुओं पर भी विस्तृत जांच कर पता लगाने में जुटी है कि हजारों लोगों की उलझनें सुलझाने का दावा करने वाले आध्यात्मिक गुरु को आत्महत्या का गंभीर कदम आखिर क्यों उठाना पड़ा। उनकी मौत के साथ ही कई तरह के रहस्य जुड़े हैं।
हालांकि, राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने दावा किया था कि हाई प्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज के पास नर्मदा नदी के किसी बड़े रेत घोटाले के अहम दस्तावेज थे और इस वजह से सरकार उन पर दबाव बना रही थी। राजपूत संगठन ने मांग की थी कि आध्यात्मिक गुरु की मौत के मामले की सीबीआई जांच कराई जाए।
कौन थे भय्यू महाराज
महाराष्ट्रियन समाज के बीच भैय्यू जी काफी लोकप्रिय रहे हैं। वो पूर्व में मॉडलिंग भी कर चुके थे। 1968 को जन्में भय्यू महाराज का असली नाम उदयसिंह देखमुख था। वे शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। अप्रैल में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें मंत्री का दर्जा दिया था। हालांकि, उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। उन्होंने करीब 49 साल की उम्र में पिछले साल दूसरी शादी की थी।