बारिश से चिंतित सीएम डॉ मोहन यादव के निर्देश, किसानों को समय पर कराएं भुगतान और उपार्जित धान का शीघ्र करें परिवहन

इस वर्ष प्रदेश में 1393 धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं, जिसमें अब तक 22.86 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन हो चुका है। अब तक 3.48 लाख किसान अपना धान बेच चुके हैं।

Atul Saxena
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Paddy wet CM Dr Mohan Yadav worried: मध्य प्रदेश के मौसम के करवट लेने के बाद हो रही बारिश ने किसानों को चिंता में डाल दिया है, लगातार हो रही बारिश अब सरकार की परेशानी का कारण भी बन रही है, प्रदेश में इस समय धान खरीदी जारी है हजारों मीट्रिक टन धान की खरीदी सरकार कर चुकी है लेकिन ऐसे खरीद केंद्र जहाँ खुले में धान रखा है और भीग रहा है उसे सुरक्षित रखना सरकार के लिए चुनौती बन रहा है, मौसम को देखते हुए सरकार ने किसानों से आग्रह किया है कि वे मौसम को देखते हुए थोड़ा रुकर धान कह्रीदी केंद्र पर धान उपार्जन के लिए पहुंचे

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मौसम को देखते हुए अधिकारियों के साथ धान उर्पाजन की समीक्षा की, उन्होंने विभागीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से अब तक हुई धान खरीदी और किसानों के भुगतान की प्रक्रिया को समझा उसके बाद निर्देश दिए कि  जिन किसानों का धान उपार्जित कर लिया गया है, उन्हें कम से कम समय में भुगतान किया जाए। प्रक्रिया को सरल कर तीन से चार दिनों में उपार्जन राशि का भुगतान कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि मौसम को देखते हुए खुले में पड़े धान का जल्द से जल्द परिवहन कराएं और इसे बारिश से बचाएं। उन्होंने कहा कि गोडाऊन परिसर में भी यदि उपार्जित धान खुले में रखा है तो उसे जल्द से जल्द अंदर रखवा लिया जाए।

तीन दिन स्थगित रहेगी धान खरीदी, उपार्जन की अंतिम तिथि अब 23 जनवरी 

समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया, किसानों को एसएमएस में माध्यम से सूचित किया जा रहा है कि 30 एवं 31 दिसम्बर और एक जनवरी को धान की खरीदी स्थगित रहेगी। धान खरीदी की अंतिम तिथि 20 जनवरी से बढ़ाकर 23 जनवरी कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों के स्लॉट धान उपार्जन के लिए बुक थे, उसकी अवधि 5 दिन बढ़ा दी गयी है। उन्हें पुन: स्लॉट बुक करने की जरूरत नहीं है।

धान को बारिश से बचाने के निर्देश, किसानों से थोड़ा रुक कर खरीदी केंद्र पहुंचने का अनुरोध  

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जिन सहकारी समितियों में धान खुले आसमान के नीचे रखा है, वे खराब मौसम  को देखते हुए उपार्जित धान को बारिश से बचाने के लिए तिरपाल आदि से धान को ढंक  कर सुरक्षित करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि वे किसानों से यह आग्रह करें कि मौसम को देखते हुए वे कुछ दिन रुक कर या मौसम साफ होने पर ही अपना धान उपार्जन के लिए लेकर आएं। मौसम यदि ज्यादा दिन तक खराब रहता है तो सरकार धान उपार्जन की तय अवधि बढ़ाने पर भी विचार करेगी।

ख़रीदा जा चुका धान मिलर्स को शीघ्र देने का प्रयास करें

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे धान मिलर्स को निर्देशित करें कि वे भी अपने धान का जल्द से जल्द उठाव करा लें। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों से कहा कि वे उपार्जित धान का तत्काल परिवहन कराकर इन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं और आवश्यकतानुसार प्रबन्ध करें। उपार्जन प्रक्रिया को सरल बनाया जाएं, ताकि तय समय-सीमा तक अधिकतम किसानों का धान उपार्जन हो सके। किसानों से जो धान उपार्जित किया जा रहा है, उन्हें अधिकाधिक मात्रा में धान मिलर्स को ही देने का प्रयास करें, इससे धान मिलिंग की प्रक्रिया पर लगने वाला समय, धन और श्रम बचेगा।

धान परिवहन की गति बढ़ाने अधिक वाहन लगाये जाएं, किसानों को शीघ्र भुगतान किया जाये 

मुख्यमंत्री ने परिवहन की व्यवस्था समझने के बाद कहा, धान परिवहन हेतु अनुबंधित परिवहनकर्ताओं के माध्यम से अधिक से अधिक वाहन लगाए जाएं एवं आवश्यक हो तो अन्य परिवहनकर्ता/वाहनों को अधिग्रहण कर धान का परिवहन कराया जाए। गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र पर खुले में भण्डारित धान को सहकारी समितियों के माध्यम से गोदाम में धान की स्टेकिंग कराई जाए। समर्थन मूल्य पर धान विक्रय करने वाले किसानों के शीघ्र भुगतान हेतु स्वीकृति पत्रक शीघ्रता से जारी कराए जाए। भारत सरकार द्वारा एफएक्यू मापदण्ड अनुसार धान का उपार्जन किया जाए जिसकी मॉनिटरिंग हेतु अन्य विभाग के अमले को भी लगाया जाए।

इस वर्ष 7.72 लाख किसानों ने धान उपार्जन के लिए कराया है पंजीयन

प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति द्वारा बताया गया कि इस वर्ष 7.72 लाख किसानों ने धान उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है, जो गत वर्ष 2023-24 (7.27 लाख) की तुलना में अधिक है। इस वर्ष प्रदेश में 1393 धान उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं, जिसमें अब तक 22.86 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन हो चुका है। अब तक 3.48 लाख किसान अपना धान बेच चुके हैं। जिन किसानों से उपार्जन हो चुका है, उन्हें न्यूनतम समय में भुगतान की व्यवस्था की जा रही है। 26 दिसम्बर तक 45 लाख मीट्रिक टन धान कॉमन (ग्रेड ए श्रेणी का) उपार्जित किया जा चुका है। जिन किसानों से धान उपार्जन किया गया है, उन्हें उपार्जन मूल्य के रूप में 1,961 करोड़ रूपए का भुगतान किए जा चुके हैं। प्रदेश में बारदाने की कोई कमी नहीं है। उपार्जित धान का परिवहन और भंडारण भी समुचित तरीके से किया जा रहा है। प्रदेश में कुल 674 अनुबंधित मिलर्स हैं। इनके द्वारा अब तक 3.36 लाख मीट्रिक टन उपार्जित धान का उठाव कर लिया गया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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