भोपाल।
किसानों को लेकर कमलनाथ सरकार सख्त हो चली है और ‘जय किसान फसल ऋण माफी योजना’ में लापरवाही करने वालों पर एक के बाद एक कार्रवाई कर रही है।हाल ही में दो सागर और कटनी के सहकारी बैंकों के प्रबंधकों पर एफआईआर की गई थी।अब लापरवाही के चलते पांच कलेक्टरों सतना, अनूपपुर, भिंड, ग्वालियर और सागर को अल्टीमेटम दिया गया है।बताया जा रहा है कि यहां से किसानों की कर्जमाफी के आवेदन 70 फीसदी से कम आए है, जिसको लेकर सीएम कमलनाथ नाराज है।
दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री कमल नाथ ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना की समीक्षा करते हुए कलेक्टरों से समय पर ऋण माफ़ी की कार्रवाई पूरा करने के निर्देश दिए। कलेक्टरों से कहा गया है कि पात्र किसानों से आवश्यक दस्तावेज़ ही लिए जाए। ऐसे दस्तावेज़ जिनकी जरूरत नहीं है, उनकी मांग नहीं करे। जहाँ ऐसा करना अनिवार्य हो, वहीँ दस्तावेज़ प्रस्तुत करने का आग्रह करें। कुछ जिलों से क़र्ज़ माफ़ी की कार्रवाई में ढिलाई की रिपोर्ट मिलने पर मुख्यमंत्री ने सम्बंधित जिलों के कलेक्टरों को समय पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए और कहा कि ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों में स्थापित नियंत्रण कक्ष में किसानों से प्राप्त शिकायतों का निराकरण तत्काल किया जाये। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे स्वयं जिम्मेदारी लेकर इस काम को पूरा करें।
अब तक आए इतने आवेदन
आज तक 53 लाख 18 हजार 757 ऋण खाता धारक किसानों में से लगभग 79 प्रतिशत अर्थात 42 लाख 4 हजार 463 किसानों ने ऋण माफी के लिये आवेदन पत्र भरकर प्रस्तुत कर दिये हैं। किसानों द्वारा प्रस्तुत ऋण माफी आवेदनों में से 14 लाख 29 हजार 879 किसानों के ऋण खाते पंच किये जा चुके हैं।वही प्रदेश के सहकारिता आयुक्त कार्यालय, भोपाल में योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष 25 जनवरी से कार्य कर रहा है। कुल 182 शिकायतें नियंत्रण कक्ष में अभी तक प्राप्त हुई हैं। पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष गठित किये गये हैं, जहाँ किसानों की शिकायतें प्राप्त की जा रही हैं। कुल 342 शिकायतें अब तक प्राप्त हुई हैं।
शिकायतों पर हो रही सख्त कार्यवाही
मुख्यमंत्री कमल नाथ के निर्देश पर राज्य में ऋण प्रकरणों में गड़बड़ियों की शिकायतों पर सख्त कार्यवाही की जा रही है। जिन जिलों में किसानों के नाम से ऋण दिये जाने के मामले सामने आये हैं, वहाँ दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। ऋण वितरण में अनियमितता बरतने पर हरदा, सागर और ग्वालियर जिलों में एफआईआर दर्ज की गई हैं। हरदा में एक संबंधित व्यक्ति को सेवा मुक्त करने के साथ ही तीन व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। इसके अलावा, इन्दौर में एक प्रकरण में दोषी व्यक्ति को सेवामुक्त किया गया है। इंदौर जिले में तीन कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय जाँच करने का निर्णय लिया गया है।