भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना (Corona) के कहर के बीच मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) समेत कई राज्यों में तेजी से फैल रहे बर्ड फ्लू (Bird Flu) को लेकर शिवराज सरकार (Shivraj Government) अलर्ट हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों में गाइडलाइन (Guideline) का पालन करवाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पशुपालन विभाग (Pashupalan Vibhag) और सहयोगी एजेंसियों को इस मामले में सजग रहने, रैंडम चैट करने और आमजन को आवश्यक जानकारी देने के निर्देश दिए ।
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दरअसल, आज सुबह इंदौर रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बर्ड फ्लू से बचाव, रोकथाम और नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा बैठक की ।जिसमें कहा गया कि वर्तमान में प्रदेश में ऐसी समस्या नहीं है, एहतियातन आवश्यक कदम उठाए गए हैं।इनमें भारत सरकार (Indian Government) द्वारा जारी गाइडलाइंस से जिलों को अवगत करवाया गया है। दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से सीमित अवधि के लिए मुर्गे आदि का व्यापार प्रतिबंधित रहेगा ।यह अस्थाई रोक एहतियातन लगाई गई है। प्रदेश के तीन स्थान इंदौर आगर-मालवा और मंदसौर (Mandsour) में कुछ कौवों की मृत्यु पश्चात सावधानी के तौर पर ये उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिलों में गाइडलाइन का पालन करवाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पशुपालन विभाग और सहयोगी एजेंसियों को इस मामले में सजग रहने, रैंडम चैट करने और आमजन को आवश्यक जानकारी देने के निर्देश दिए ।उन्होंने कहा कि जहां से पक्षियों की मृत्यु की जानकारी मिली है, सावधानी के तौर पर पोल्ट्री फार्म पर भी नजर रखी जाए। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ,मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस (Chief Secretary Iqbal Singh Bains), अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान (Additional Chief Secretary Health Mohammad Suleman) और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
अबतक 400 की मौत
बता दे कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में 23 दिसम्बर से 3 जनवरी, 2021 तक करीब 400 कौओं की मौत हो चुकी है, इसमें इंदौर (Indore) में 142, मंदसौर (Mandsour) में 100, आगर-मालवा (Agar Malawa) में 112, खरगोन (Khargone) जिले में 13, सीहोर (Sehore) में 9 कौओं की मृत्यु हुई है। उज्जैन, सीहोर, देवास, गुना, शाजापुर, खरगोन और नीमच जिलों में कौओं की मृत्यु होने पर सैम्पल एकत्र कर रोकथाम की कार्यवाही की गई है। इन जिलों से सैम्पल भारतीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, भोपाल भेजे जाकर रोग पुष्टि की प्रतीक्षा की जा रही है।
ऐसे पहचाने लक्षण
यदि पक्षियों की आँख, गर्दन और सिर के आसपास सूजन होना।
आँखों से रिसाव होना।
कलगी और टांगों में नीलापन आना।
अचानक कमजोरी, पंख गिरना।
पक्षियों की फुर्ती, आहार और अंडे देने में कमी दिखाई देना।
प्रमुख बिन्दु
- कुछ जिलों में कौवों की मृत्यु का समाचार मिलने पर सैम्पल एकत्रीकरण और रोग की रोकथाम और नियंत्रण के लिये कार्रवाई की गई।
- बर्ड फ्लू रोग उदभेद करने वाले जिलों में कलेक्टर मार्गदर्शन में पशुपालन, वन, स्वास्थ्य और स्थानीय निकाय के सम्नवित प्रयासों से जरूरी कार्यवाही तत्काल की गई है। भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार सतर्कता रखी जा रही है।
- वर्तमान में सिर्फ कौवों में बर्ड फ्लू के H5N8 वायरस के संक्रमण की जानकारी मिली है। यह वायरस मुर्गियों में नहीं पाया गया है।
- जिलों में विभागीय दल जलाशयों, कुक्कुट प्रक्षेत्रों, कुक्कुट बाजारों में सघन निगरानी रख रहा है।
- बर्ड फ्लू संदर्भ में जन जागरूकता के लिये कुक्कुट पालकों और व्यवसायियों को इस रोग से बचाव के लिये आवश्यक जानकारियां दी की जा रही है।
- मध्यप्रदेश के जिलों में पोल्ट्री फार्म और बैकयार्ड कुक्कुट में किसी भी प्रकार से मुर्गियों में अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। जिलों में पशुपालन विभाग का अमला संपूर्ण सतर्कता बरत रहा है।
- कौवों या मुर्गियों में बीमारी या अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल सैंपल एकत्र कर प्रयोगशाला भेजने की कार्यवाही की जाती है। संक्रमित स्थान का डिस इन्फेक्शन और सैनिटाइजेशन जिले के स्थानीय निकाय के सहयोग से किया जाता है। इस प्रोटोकाल से सर्व संबंधितों को अवगत करवाया गया है।
- जो लोग मांसाहार करते हैं, उनके लिए यह सावधानी जरूरी है कि मुर्गियों को अच्छे से पका कर उपयोग करें, इससे मानव स्वास्थ्य को किसी प्रकार का खतरा नहीं है, अभी तक ऐसा कोई प्रकरण भी नहीं आया है, परंतु सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता है।