होली पर आदिवासियों के बीच होंगे सीएम शिवराज, इस उत्सव में होंगे शामिल

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। रंगों के त्यौहार होली (Holi Festival) की तैयारियां अंतिम चरणों में हैं। 17 मार्च को होलिका दहन होगा और अगले दिन 18 होली खेली जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता को होली, रंगपंचमी और भगोरिया की शुभकामनायें दी हैं।  उन्होंने कहा है कि रंगों के इस पर्व को हम भाईचारे के साथ मिलजुलकर मनाते हैं , दो साल से कोरोना के कारण इस इन्हीं मना पाय थे लेकिन अभी कोरोना नियंत्रण में है। इसलिए सब मिलजुलकर मनाएं।  मुख्यमंत्री खुद होली के इस मौके पर आदिवासियों के साथ होंगे।

जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) 17 मार्च को बड़वानी जिले की दुर्गम पहाड़ियों के बीच बसे जनजातीय बहुल गांव पाटी में आयोजित भौंगर्या (भगोरिया) उत्सव में शामिल होंगे। उनके साथ पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल भी होंगे। आपको बता दें कि पाटी विकासखण्ड देश की वन बंधु योजना में शामिल प्रदेश का इकलौता विकासखण्ड है।

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स्थानीय जनजातियों के सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्यौहार भौंगर्या का ही अपभ्रंश है भगोरिया। पाटी गांव में होली के त्यौहार का हिस्सा भगोरिया सदियों से बहुत ही धूम-धाम और उत्साह से मनाया जाता है। पूजा-पाठ और उत्साह के इस पवित्र त्यौहार में पाटी के आस-पास के करीब 40-45 गांव के लोग मुख्य उत्सव में भाग लेते है। यह जनजाति आज भी अपनी परंपराओं, वेशभूषा, मूल स्वरूप और रीति-रिवाजों को जीवन्त किये हुए हैं।

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उत्सव के दौरान जनजातीय लोग बहुत भारी मान्दल और ढोल बजाते हैं। अपने आप में अनोखा यह संगीत हर व्यक्ति को थिरकने पर मजबूर कर देता है। भौंगर्या (भगोरिया) होली के अवसर पर लोगों के आपस में मिलने-जुलने और सामूहिक नृत्य-संगीत के माध्यम से आनंद और हर्षोल्लास का उत्सव है। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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