भोपाल।
लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा ऐलान किया है। कमलनाथ ने पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुभाष यादव का स्मरण करते हुए समन्वय भवन का नामकरण सहकारिता आंदोलन को नई दिशा देने वाले कांग्रेस के सीनियर लीडर स्वर्गीय सुभाष यादव के नाम पर करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यादव समाज का गौरवपूर्ण इतिहास है।इस दौरान उन्होंने यादव समाज को सांस्कृतिक क्रियाकलापों के लिये भूमि आवंटन का आश्वासन दिया।इस नामकरण के माध्यम से कांग्रेस ने यादव वोट बैंक को साधने की कोशिश की है।
दरअसल, सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ समन्वय भवन में आयोजित यादव महासभा में शामिल होने पहुंचे थे।यहा उन्होंने यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सुभाष यादव मौजूदा कृषि मंत्री सचिन यादव और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के पिता थे। सुभाष यादव की यादव समाज में अच्छी पैठ मानी जाती थी।मुख्यमंत्री ने पूर्व उप मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुभाष यादव का स्मरण करते हुए समन्वय भवन का नामकरण सहकारिता आंदोलन को नई दिशा देने वाले कांग्रेस के सीनियर लीडर स्वर्गीय सुभाष यादव के नाम पर करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यादव समाज का गौरवपूर्ण इतिहास है। विधानसभा चुनाव के बाद नामकरण के माध्यम से कांग्रेस ने फिर लोकसभा चुनाव में यादव वोट को साधने की कोशिश की है।हालांकि सरकार को इससे कितना फायदा होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन इस ऐलान के बाद कांग्रेस नेता अरुण यादव के भी लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकले तेज हो चली है। कयास लगाए जा रहे है कि यादव वोट को बटोरने कांग्रेस अरुण यादव को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है।
विधानसभा चुनाव के दौरान वायरल हुई थी चिट्ठी
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जून 2018 में एक चिट्ठी वायरल हुई थी जो कमलनाथ ने राहुल गांधी को लिखी थी। चिट्ठी में लिखा था “स्व. सुभाष यादव मध्यप्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री और प्रमुख ओबीसी नेता रहे हैं। 26 जून को खरगोन जिले के कसरावत में उनकी बरसी का कार्यक्रम है। मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में ओबीसी वर्ग के लोग रहते हैं, इस कार्यक्रम में भी भारी संख्या में लोगों के शामिल होने का अनुमान है। चुनाव के मद्देनजर ये निमाड़-मालवा क्षेत्र का महत्वपूर्ण कार्यक्रम होगा, जिसमें 61 एसेंबली सीटें आती हैं। आपसे निवेदन है कि ‘संविधान बचाओ-देश बचाओ’ नाम के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल हों।”
कई पदों पर रह चुके थे सुभाष यादव
बताते चले कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सुभाष यादव का 26 जून 2013 को नई दिल्ली में निधन हो गया था। वे 1980 और 1985 में दो बार खरगोन लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के संसद सदस्य बने। तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह ने वर्ष 1980 में उन्हें मध्यप्रदेश राज्य सहकारी बैंक का अध्यक्ष मनोनीत किया था। सुभाष यादव 1993 में खरगोन जिले की कसरावद विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होकर मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री बने। उन्होंने उप मुख्यमंत्री के रूप में कृषि सहकारिता जल संसाधन और नर्मदा घाटी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का दायित्व संभाला।कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए उन्हे वर्ष 2003 में म.प्र. कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होने जमीनी स्तर पर काम कर कांग्रेस को मजबूती दी । गांधी परिवार के करीब रहे सुभाष यादव जी से स्व. इंदिरा गांधी जी काफी स्नेह रखती थी। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी जी भी सहकारिता के दिग्गज की कर्मठता से वाकिफ थे। म.प्र. में वृहद सहकारिता रेली का आयोजन किया जिसमें सोनिया गांधी खुद शामिल हुई थी।