भोपाल| मनरेगा कमिश्नर की एक आदेश ने प्रदेश के 30 हजार संविदा कर्मियों को नाराज कर दिया है। दरअसल मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी परिषद मे चीफ इंजीनियर, सब इंजीनियर इंजीनियर, अकाउंटेंट और डाटा एंट्री ऑपरेटर से लेकर कई पदों पर 30 हजार से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी काम कर रहे हैं। परिषद मार्च में नया पोर्टल लागू करने जा रहा है जिसके अनुसार अनुबंध अपलोड न होने पर किसी भी कर्मी का वेतन जारी नहीं होगा।
दरअसल संविदा कर्मी की अनुबंध की मौजूदा प्रक्रिया के तहत कलेक्टर या जिला कार्यक्रम समन्वयक किसी का भी अनुबंध तब आगे बढ़ाता है जब उसे साल भर के कामकाज में 50 में से 20 नंबर मिले। ऐसा ना होने पर अनुबंध समाप्त कर दिया जाता है। इस दौरान संविदा कर्मी अपना पक्ष रख सकता है और तब तक वेतन में दिक्कत नहीं होती पोर्टल में इसका अवसर नहीं मिलेगा। मनरेगा आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने साफ कहा है कि किसी नोटिस ,आरोप या जांच की जरूरत नहीं है। संविदा कर्मी की सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं ।बस उसका अनुबंध नहीं किया जाए। संविदा कर्मी इसे नियमों के विपरीत बता रहे हैं ।उनका कहना है कि कमलनाथ सरकार ने वचन पत्र में कहा था कि हर संविदा कर्मी को नियमित किया जाएगा। उससे उलट विभाग के अधिकारी यह नए नियम लाकर संविदा कर्मियों की नौकरी पर ही तलवार लटका रहे हैं।