भोपाल। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने सवाल खड़ा किया है कि आखिरकार मध्य प्रदेश की सरकार प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता कब देगी? दरअसल यह परंपरा रही है कि जब केंद्र सरकार महंगाई भत्ता बनाती है तो राज्य सरकार भी उसी के अनुरूप अपने अधिकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा देती है। लेकिन वर्ष 2019 में जुलाई में जब केंद्र सरकार ने 5 फ़ीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाया तो राज्य सरकार की ओर से ऐसा कदम नहीं उठाया गया। दरअसल राज्य की वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि सरकार खजाने पर भारी बोझ से सकें और महंगाई भत्ते से हर महीने राज्य सरकार के लगभग 228 करोड रुपए खर्च होते हैं और जो सालाना 27 45 करोड़ रू हो जाते हैं। केंद्र की सरकार अभी अपने कर्मचारियों को 17 फ़ीसदी महंगाई भत्ता दे रही है। लेकिन प्रदेश की सरकार 12 फ़ीसदी। अब केंद्र एक बार फिर अपने अधिकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 5 फ़ीसदी और बढ़ाने की तैयारी में है तो इस तरह से यह अंतर फिर 10% हो जाएगा और राज्य सरकार को अपने साथ 7.50 लाख कर्मचारियों और 4.5 लाख पेंशनरों को महंगाई भत्ता देने के लिए हर महीने फिर 500 करोड़ रुपए का इंतजाम करना होगा। उम्मीद की जा रही है कि महंगाई भत्ते की राशि क्योंकि ज्यादा है इसीलिए राज्य सरकार आने वाले बजट में इसका प्रावधान कर सकती है।
मध्यप्रदेश के सरकारी अधिकारी कर्मचारियों को कब मिलेगा केन्द्र समान महंगाई भत्ता
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