भोपाल।
नए मेहमानों और पुराने सदस्यों को जगह देने की माथापच्ची में एक बार फिर शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार (Shivraj cabinet expansion) टल गया है।मंगलवार को खुद मुख्यमंत्री शिवराज ने इस ओर इशारा किया है, कि आज विस्तार नही होगा, हालांकि उन्होंने ये नही बताया की आखिर देरी क्यो हो रही है, लेकिन सियासी गलियारों मे चर्चा है कि नामों को लेकर सहमति नही बन पा रही है, खास करके ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) में पेंच फंसा हुआ है, ऐसे में लगातार हो रही देरी के चलते मंत्री बनने का ख्वाब देख रहे विधायकों के दिलों की धड़कने तेज हो रही है।खास करके वरिष्ठ विधायक लिस्ट से बाहर होने के संकेत से बैचेन हो रहे है और मीडिया के सामने मन की बात करते हुए नजर आ रहे है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव(Former Leader of Opposition and senior BJP MLA Gopal Bhargava) के बाद अब भूपेन्द्र सिंह (Bhupendra singh) का बड़ा बयान सामने आया है।
भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि मैं 30 सालो से पार्टी का कार्यकर्ता हूं,जीवन भर कार्यकर्ता रहूंगा। पार्टी में संगठन तय करता है, व्यक्ति तय नहीं करता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित आला नेता मंत्रिमंडल को लेकर मंथन कर रहे हैं। जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार हो जाएगा।सिंह ने इशारों ही इशारों में बहुत कुछ कहने की कोशिश की है, हालांकि ये इशारे मंत्रीमंडल में जगह दिला पाएंगे या नही देखने वाली बात होगी।भूपेन्द्र सिंह देर शाम बीजेपी मुख्यालय पहुंचे थे, उनके साथ संजय पाठक भी पार्टी दफ्तर पहुंचे थे। दोनों विधायकों की प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात हुई और लंबी चर्चा चली।शिवराज के दिल्ली से लौटने और सियासी गलियारों में होती चर्चाओं के बीच भूपेन्द्र सिंह और संजय पाठक का यू बीजेपी कार्यालय पहुंचना, मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है।
इसके पहले मंगलवार को गोपाल भार्गव कह चुके है कि भाजपा भी वही गलती कर रही है जो कांग्रेस ने की थी। पार्टी को वरिष्ठ नेताओं का सहयोग लेना चाहिए, केन्द्र के फॉर्मूले को प्रदेश में लागू नही करना चाहिए।इसे कही ना कही भार्गव के अंदर का दर्द माना जा रहा है, जो लंबे इंतजार के बाद छलका है। वही पार्टी द्वारा भार्गव की नाराजगी को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा है।हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान को लेना है।भार्गव आठ बार के विधायक है और मंत्री बनने की ख्वाहिश लिए हुए है।
सूत्रों की मानें मुख्यमंत्री शिवराज पिछले कार्यकाल में साथ रहे मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते है लेकिन हाईकमान युवाओं को मौका देने के फेवर में है , वही सिंधिया समर्थकों के साथ कोई समझौता ना करने के मूड में है, चुंकी सरकार बनाने में सिंधिया और उनके समर्थकों की अहम भूमिका रही है। लेकिन मुख्यमंत्री चाहते हैं कि यह निर्णय बाद में लिया जाए। सिंधिया समर्थकों में से सभी बड़े नेताओं को मंत्री बनाया जाता है तो भाजपा के पास पद कम बचेंगे। संगठन चाहता है कि एक-दो लोगों को रोककर उन्हें उपचुनाव के बाद मंत्री बनाया जाए।इधर, अपने बाहर होने की चर्चाओं से सीनीयर विधायकों में हलचल तेज हो चली है, अपना नाम बाहर होने के संकेत से सीनियर विधायकों ने सरकार पर दवाब बनाना शुरु कर दिया है, हालांकि ये कितनी काम आता है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
(भोपाल से पूजा खोदाणी की रिपोर्ट)