भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नकारात्मक ख़बरों (Negative News) के बीच कोरोना पॉजिटिव मरीजों (Corona Positive Patients) को लेकर आ रही एक सकारात्मक खबर (Positive News) आपको भी थोड़ा सुकून देगी। एक ओर जहाँ कोरोना आपदा में हाहाकार मचा है, दवाओं की कमी, ऑक्सीजन की किल्लत, रेमडेसिवीर इंजेक्शन की बढ़ती डिमांड माहौल में निराशा और नकारात्मकता बढ़ा रहीं है वही दूसरी ओर भोपाल मन एक डॉक्टर ऐसा है जो दवाओं के साथ अपनी योगा और मोटिवेशन (Yoga and Motivation) से मरीजों को सेहत सुधार कर रहे हैं।
देश के अस्पतालों की तरह ही मध्यप्रदेश के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, मप्र में बुधवार को 50,974 सैंपल की जांच में 12,384 नए मरीज सामने आए और 75 की मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार को प्रदेश में 13,107 मरीज मिले थे और 76 की मौत हुई थी। वर्तमान में एक्टिव केसों की संख्या 84957 पिछले 4 दिन से प्रदेश में कोरोना की संक्रमण दर 24 से 26 फीसद के बीच बनी हुई है।
वर्तमान में इंदौर में 12 हजार, भोपाल में 9 हजार, ग्वालियर में 8 हजार और जबलपुर में 5 हजार के पार कोरोना पॉजिटिव सक्रिय है। वही रीवा, उज्जैन और विदिशा में 2 हजार से ज्यादा एक्टिव केस है। वही दो दर्जन जिलों में यह आंकड़ा 1 हजार के पार है। इन आंकड़ों के बाद मप्र अब तक कुल संक्रमितों की संख्या 4 लाख 59 हजार 195 पहुंच गई है, इसमें से 3 लाख 69 हजार 375 स्वस्थ हो चुके हैं और वर्तमान में 84957 एक्टिव केस है। काेरोना से अब तक 4863 मौतें हुई हैं।
इन सबके बीच भोपाल के जे के अस्पताल (JK Hospital) के डॉक्टर कुंज बिहारी शर्मा अस्पताल में भर्ती मरीजों को दवाइयों के साथ योगा और मोटिवेशन (Yoga and Motivation) के जरिये ठीक कर रहे हैं। डॉ शर्मा की थैरेपी से 70 से 80 फीसदी फेफड़े में संक्रमण वाले मरीज भी योगा और मोटिवेशन (Yoga and Motivation) के जरिये स्वस्थ हो रहे हैं। डॉ कुंज बिहारी शर्मा का कहना है कि मरीजों को इलाज के साथ मानसिक रूप से भी इस बीमारी से लड़ना पड़ रहा है ऐसे मरीजों को मानसिक रूप से मजबूती देकर उन्हें जल्दी स्वस्थ्य करने में ये थैरेपी मदद करती है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....