भोपाल। प्रदेश में निर्माण कार्यों के लिए हजारों करोड़ों के ई-टेंडरिंग फर्जीवाड़े में जांच एजेंसी आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) द्वारा ने सरकार के आला अधिकारियों से पूछताछ करना शुरू कर दिया है। इसके लिए अफसरों को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। आज मप्र इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के पूर्व एमडी मनीष रस्तोगी से पूछताछ होगी। साथ ही बेंगलुरु की एंट्रस सिस्टम्स लिमिटेड सॉफ्टवेयर कंपनी के छह अधिकारियों के भी बयान दर्ज होंगे।
ई-टेंडरिंग फर्जीवाड़े में एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच एजेंसी ने पहली बार किसी बड़े अफसर को बुलाया है। अब अन्य अफसरों से भी पूछताछकी जाएगी, जिन विभागों में ई-टेंडरिंग फर्जीवाड़ा हुआ है। आज मनीष रस्तोगी बयान देने जा सकते हैं, इसके लिए ईओडब्ल्यू ने रस्तोगी को नोटिस भेजा था। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अन्य अधिकारियों को भी नोटिस जारी किए हैं, जिनसे जल्द पूछताछ होना है। ई-टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू द्वारा सभी विभागों से टेंडरों की जानकारी मांगी जा रही है। फर्जीवाड़़े में अभी तक गिरफ्तार ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन्स के संचालकों वरुण चतुर्वेदी, विनय चौधरी व सुमित गोलवलकर और इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के ई-टेंडर से जुड़े ओएसडी नंदकिशोर ब्रह्मे को अदालत ने चारों को छह मई तक की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।
रस्तोगी के समय में ही पकड़ में आया ई-टेंडरिंग का फर्जीवाड़ा
मप्र इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम के तत्कालीन प्रबंध निदेशक मनीष रस्तोगी को मंगलवार को बयान देने के लिए ईओडब्ल्यू में बुलाया गया है। रस्तोगी ने इस मामले का खुलासा किया था और उन्होंने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। इसके आधार पर ईओडब्ल्यू को मामला सौंपा गया था। रस्तोगी अभी प्रमुख सचिव राजस्व हैं।
सॉफ्टवेयर कंपनी के अधिकारी आएंगे
ईओडब्ल्यू ने ई-टेंडर घोटाले की आरोपी एंट्रस सिस्टम्स लिमिटेड कंपनी के छह अधिकारियों को सोमवार को बुलाया था जिनके बयान लिए जाएंगे। इनके बयान मंगलवार को लिए जाएंगे। घोटाले की जांच में अब तक कई लोगों को नोटिस भेजे जा चुके हैं जिनके बयान लिए जाएंगे।