भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि प्रदेश के किसी भी सरकारी संस्थान में बच्चों को भोजन में अंडा या चिकिन नहीं परोसा जाएगा और न ही सरकार की आगे ऐसी कोई मंशा है, दरअसल मध्यप्रदेश में डेढ़ सौ से ज्यादा बालगृहों, आश्रय और संप्रेषण गृह में रहने वाले किशोरों को अब सप्ताह में एक बार चिकन और चार दिन अंडा परोसा जाने की बात सामने आई थी लेकिन रविवार को प्रदेश के गृह मंत्री बिल्कुल साफ कर दिया कि किसी भी कीमत पर मांसाहार बच्चों को नहीं दिया जाएगा।
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गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने किशोरों के लिए पोषण आहार के मानक तय कर दिए हैं। प्रदेश में इस समय 150 से अधिक संप्रेषण गृह, बालगृह, विशेष गृह, शिशुगृह के साथ 30 सरकारी और 97 अशासकीय संस्थाएं हैं, जिनमें बाल अपराधियों, बेसहारा, गुमशुदा, भीख मांगने वाले, निराश्रित, अनाथ आदि को रखा जाता है। लेकिन फिलहाल इस तरह के किसी भी प्रस्ताव से प्रदेश सरकार ने इंकार कर दिया है।
वही विभाग ने इससे पहले आंगनवाड़ियों में अंडा देने का प्रस्ताव बनाया था। तब तत्कालीन कांग्रेस सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं इमरती देवी ने इसकी पेशकश की थी, लेकिन भाजपा ने इसका विरोध किया था। बाद में भाजपा की सरकार आने के बाद भी इमरती देवी ने यही बात दोहराई, लेकिन प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ पाया। अब विभाग ने मप्र किशोर न्याय नियम की अधिसूचना में इसे शामिल किया है। हालांकि गृह मंत्री ने इस प्रस्ताव के किसी तरह के गजट नोटिफिकेशन में भी पेश किए जाने से इंकार कर दिया है।