भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले राज्य चुनाव आयोग ने कमर कसना शुरू कर दी है। आयोग ऐसे अउसरों पर कार्रवाई करने वाला है जो एक ही जगह पर तीन साल से जमे हैं। ऐसे करीब एक दर्ज अधिकारी हैं जिनकी शिकायत मिली है। वह लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे हैं। मुख्य निर्वाचन पादधिकारी कार्यालय इन पर एक्शन लेने की तौयारी कर रहा है। अब तक करीब एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की शिकायतें की जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में कई अफसरों पर इस बात के आरोप लग थे कि वह राजनीतिक दलों के पक्ष में काम कर रहे हैं। उनके रहते लोकसभा चुनाव पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई है जो एक ही जगह सालों से जमे हैं और चुनाव के समय अलग तरह की भूमिका में नजर आते हैं। राज्य चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव के दौरान जिन जिलों से ज्यादा शिकायतें आई थी उनकी समीक्षा कर रहा है।
समीक्षा में यह देखा जा रहा है कि इन शिकायतों की प्रकृति क्या है। जो अधिकारी चुनाव प्रक्रिया से सीधे तौर नहीं जुड़े हैं, जैसे पंचायत अधिकारी, इंजीनियर, प्राध्यापक, नगरीय निकाय के अधिकारी-कर्मचारी अथवा अन्य अधिकारी एक ही स्थान पर लंबे समय से जमे हुए हैं, अगर ऐसे अधिकारियों की शिकायतें विधानसभा चुनाव के दौरान आईं थीं तो उन्हें भी हटाया जाएगा। यह कार्रवाई लोकसभा चुनाव से पहले की जाएगी, जिससे इस तरह की शिकायतें में कमी आ सके।
शुरू हुइ कानून-व्यवस्था की समीक्षा
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय हर हफ्ते प्रद���श के कानून व्यवस्थाओं की समीक्षा करना शुरू कर दिया है। समीक्षा में यह भी देखा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव, पूर्व लोकसभा चुनाव में कानून-व्यवस्था को लेकर कितनी शिकायतें और घटनाएं हुए हैं और उसके निराकरण की क्या स्थिति रही है।