भोपाल। सूचना क्रांति और आधुनिकता के इस दौर में हम भले ही चांद पर घर बसाने की सोच रहे हैं, हर दिन नए कीर्तिमान रच रहे हैं, लेकिन समाज का बहुत बड़ा हिस्सा आज भी ऐसा है, जो अंधविश्वास और झूठी परंपराओं के जाल में फंसा हुआ है। ताज्जुब की बात यह है कि इन अंध-परंपराओं के भंवर मे बहुत बड़ा शिक्षित समाज भी है और बड़े पदों पर बैठे अधिकारी भी। ताजा मामला भोपाल से सामने आया है, जहां एक सीनियर IPS अफसर राजेन्द्र मिश्रा अपने पिता की लाश एक माह से घर में रखकर उस पर झाड़-फूंक कर रहे हैं, उन्हें विश्वास है कि उनके पिता जिंदा है। जबकी अस्पताल ने दावा किया है कि पिछली 13 जनवरी को ही उनके पिता की मौत हो चुकी है और खुद डॉक्टरों ने डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की पुष्टि की है। वही मिश्रा का मानना है कि उनके पिता की नब्ज चल रही है और वे जिंदा है। अगर ऐसा है तो अस्पताल के डेथ सर्टिफिकेट पर सवाल खड़े होते हैं । फिलहाल इस मामले में किसी भी पुलिस अधिकारी का बयान सामने नही आया है।
एडीजी स्तर के आईपीएस राजेंद्र कुमार मिश्रा द्वारा अपने मृत पिता कालूमणि का शव बंगले में रखकर झाड़-फूंक कराने के मामले की खबर के चलते गुरुवार को सुबह से ही मीडिया वाले आईपीएस के डी-7, 74 बंगला स्थित घर पर पहुंच गए। इधर, गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा है कि आईपीएस अधिकारियों की टीम जल्द ही इस मामले में घर पहुंचकर जांच करेगी।
दरअसल, राजेन्द्र मिश्रा पुलिस मुख्यालय भोपाल में एडीजी हैं और 74 बंगले स्थित डी-7 में रहते हैं। मिश्रा अपने 84 साल के पिता कालूमनी मिश्रा को 13 जनवरी को हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले गए थे, इलाज भी हुआ और अगले दिन 14 जनवरी की शाम पौने चार बजे डॉक्टरों ने उनके पिता को मृत घोषित कर दिया और डेथ सार्टिफिकेट भी जारी कर दिया था। लेकिन खबर में सामने आय़ा है कि बावजूद इसके मिश्रा उन्हें घर में रखे हुए है और उनका आयुर्वेदिक इलाज और झाड़-फूंक करा रहे हैं। मिश्रा का दावा है कि उनके पिता जिंदा है और वे जल्द ठीक हो जाएंगे। खबर है कि राजेन्द्र अपने पिता की मौत को स्वीकार नही कर रहे है, जिसके चलते वे ऐसा कर रहे है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब आईपीएस के मृत पिता की तीमारदारी में लगे एसएएफ के दो जवान बीमार होने लगे। बताया जा रहा है कि बदबू की वजह से एसएएफ के दो जवान बीमार हो गए थे। इस खबर के बाद से अधिकारी खेमे में हड़कंप मच गया है। मामले में डीजीपी वीके सिंह ने एडीजी रैंक के अधिकारियों की टीम बनाई है।