भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। 09 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानसभा के मानसून सत्र से अब सदन में फेंकू, पप्पू, बेशर्म जैसे करीबन 200 असंसदीय शब्दों का प्रयोग मंत्री विधायक नही कर पाएंगे। इन असंसदीय शब्दों को एक पुस्तक का आकर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा रविवार को इस पुस्तक का विमोचन करेंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा, जब सदन शुरू होने से पहले ही विधायकों को बता दिया जाएगा कि सदन के भीतर उन्हें कौन कौन से शब्दों को बोलने से बचना है। 9 अगस्त से मॉनसून सत्र शुरू हो रहा है और विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की मानें तो इस बार लोकसभा की तर्ज पर मध्यप्रदेश विधानसभा में ऐसे शब्दों की एक डिक्शनरी बनवाई गई है जिसमे पप्पू, फेंकू, नालायक, गधा जैसे करीब 200 शब्द हैं जो सदन के भीतर असंसदीय माने जाते हैं।
विधानसभा मानसून सत्र सोमवार से, सर्वदलीय बैठक कल
मध्यप्रदेश विधानसभा में वर्ष 1956 से लेकर अब तक उपयोग किये गए उन असंसदीय शब्दों और वाक्यों का एक स्थान पर संग्रह किया गया है। जिन्हें समय समय पर कार्यवाही के दौरान सदस्यों या फिर अध्यक्ष की आपत्ति के चलते विलोपित किया गया। इन्हें अब एक पुस्तक में आकर दिया गया है। यह पुस्तक कल विमोचित की जाएगी और विमोचन के बाद सभी मंत्रियों और विधानसभा सदस्यों को दी जायेगी। पप्पू , फेंकू, बंटाधार, मामू जैसे तमाम वह शब्द जो नेताओं के बयानों को धार देते थे, लेकिन अब इन शब्दों को एमपी विधानसभा में माननीय अपनी जुबान पर नहीं ला पाएंगे। कई बार सदन की कार्यवाही के दौरान विधायक उत्तेजित होकर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर लेते थे जिसे सदन की कार्रवाई से हटाना पड़ता था। लेकिन अब हम विधायकों को पहले ही इसकी जानकारी देंगे कि उन्हें कौन से शब्दों का इस्तेमाल सदन के भीतर नहीं करना है।