BHOPAL NEWS : स्वास्थ्य विभाग भोपाल में कार्यरत महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता संध्या पाल ने अपने पति की असमय मृत्यु उपरांत उनका अंगदान करवाया है। अयोध्या नगर निवासी 62 वर्षीय सत्यदेव पाल की दिनांक 3 नवंबर को घर पर ही ह्रदयघात से मृत्यु हुई थी। उस समय उनकी पत्नी संध्या पाल नियमित टीकाकरण करवाने हेतु गई हुई थीं। उनके पति की अचानक तबीयत खराब होने पर उन्हें नजदीकी निजी चिकित्सालय में ले जाया गया , जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
किया अंगदान
सत्यदेव पाल ने अपनी धर्मपत्नी की प्रेरणा से अंगदान कार्यक्रम से जुड़कर अपना पंजीयन करवाया था। पति की मृत्यु के बाद श्रीमती संध्या पाल ने अपने रिश्तेदारों एवं साथी कर्मचारियों के सामने पति के अंगदान की इच्छा व्यक्त की । रिश्तेदारों ने श्रीमती पाल की इच्छा का सम्मान करते हुए तत्काल इस हेतु सहमति दी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया।
अंगदान की प्रक्रिया पूरी करवाई
इसकी जानकारी मिलने पर सी एम एच ओ डॉ प्रभाकर तिवारी ने हमीदिया चिकित्सालय और ऑर्गन डोनेशन सोसाइटी के डॉ राकेश भार्गव से संपर्क कर अंगदान की प्रक्रिया पूरी करवाई। हमीदिया चिकित्सालय में परिजनों ने मृतक की कार्निया एवं त्वचा को दान करवाया है। हमीदिया चिकित्सालय में पहली बार किसी व्यक्ति की त्वचा को अंगदान से प्राप्त किया गया है। इस दौरान अर्बन हेल्थ ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद उपाध्याय एवं सुपरवाइजर श्री संजय तिवारी व सौरभ पांडे द्वारा अंगदान की प्रक्रिया में सहायता की गई।
कई लोगों को किया प्रेरित
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि अंगदान के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से विगत दिनों मिशन मोड में अंगदान जागरूकता एवं स्वपंजीयन करवाए गए थे। भोपाल जिले में मध्यप्रदेश में सर्वाधिक अंगदान शपथ के पंजीयन करवाए हैं। जो कि भोपालवासियों की जागरूकता को दिखाता है । संध्या पाल ने भी इस दौरान अपने परिजनों सहित कई लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित कर उनका पंजीयन करवाया था। श्रीमती पाल ने अपने विभागीय दायित्वों के साथ-साथ व्यक्तिगत एवं सामाजिक दायित्व को निभाया है। उन्होंने अपने पति के अंगदान करवाकर लोगों को अभिप्रेरित किया है।
लोगों में बढ़ी जागरूकता
अंगदान हेतु भोपाल में 3000 से अधिक पंजीयन करवाए हैं । अंगदान में लीवर, किडनी, हार्ट, लंग्स, आंत , अग्नाशय ,हड्डी, हार्ट वाल्व, त्वचा, कॉर्निया, कार्टिलेज, ब्लड वेसल्स को डोनेट किया जा सकता है। चिकित्सकीय उद्देश्य के लिए एवं चिकित्सा विशेषज्ञ द्वारा व्यक्ति को मृत घोषित किए जाने के बाद अंगदान किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किसी व्यक्ति की मृत्यु होने के बाद परिजनों की इच्छा एवं सहमति के अनुरूप अंगदान करवाया जा सकता है। मृत्यु के बाद कई अंगों और उत्तकों को दान किया जा सकता है। यह अंग किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में जीवित बने रहते हैं।