भोपाल/ग्वालियर ।
मध्यप्रदेश में यूरिया संकट पैदा हो गया है। इस दिसंबर में सिर्फ 1.10 लाख टन यूरिया ही प्रदेश को मिल पाया है। इसी यूरिया की किल्लत के चलते प्रदेश के कई जिलों में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। ताजा मामला ग्वालियर के इंदरगढ़ से सामने आया है। जहां खाद न मिलने से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने तहसील कार्यालय का घेराव कर दिया।
किसानों का आरोप है कि खाद की किल्लत की वजह कालाबाजारी है। बाजार में ऊंचे दामों पर खाद बेची जा रही है। तीन दिन से गोदाम में खाद रखी हुई है, लेकिन इसका वितरण नहीं हो पा रहा है।हालांकि बाद में बढ़ते विवाद को देखते हुए नायब तहसीलदार ने पुलिस सुरक्षा में खाद बंटवाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए कृषि विभाग की टीम भी मौके पर पहुंचीं।वही किसानों के आरोपों पर अफसरों ने चुप्पी साध ली।अफसरों ने कहा कि किसान लिखित में शिकायत देंगे तो जांच की जाएगी।
दो दिन पहले सीएम कमलनाथ ने दी थी अफसरों को चेतावनी
बताते चले कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि प्रदेश में यूरिया संकट जल्द ही हल हो जाएग। किसान भाई परेशान ना हों। सतत प्रयासों से पर्याप्त मात्रा में यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। यूरिया लेने आ रहे किसानों पर लाठियां बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। ये कमलनाथ की सरकार है , किसान हितैषी सरकार है।अधिकारी अपनी पुरानी मानसिकता बदलें। उन्होंने कहा था कि ये पुरानी सरकार नहीं, जहां किसानों के सीने पर गोलियां तक दाग़ी गयीं। मेरी सभी ज़िम्मेदारों को खुली चेतावनी है कि वो कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने ना दें। किसानों का दमन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सिंधिया भी लिख चुके है पत्र
बीते दिनों कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने प्रदेश में यूरिया की सप्लाई को सुनिश्चित करने का किया अनुरोध किया था। उन्होंने मांग कि थी कि मध्य प्रदेश में 23 लाख मीट्रिक टन यूरिया भेजा जाए।