भोपाल/खजुराहो।
मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट प्रदेश की उन सीटों में से एक है, जहां सालों से बीजेपी का कब्जा रहा है। इस सीट से सांसद रहे नागेंद्र सिंह ने भारी मतों के अंतर से 2014 में इस सीट पर जीत दर्ज कराई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रत्याशी न मिलने पर पार्टी ने नागेंद्र को ही मैदान में उतारा और उन्होंने शानदार जीत भी दर्ज कराई, जिसके बाद से ही यह सीट खाली पड़ी है। बीजेपी ने यहां से बीडी शर्मा को उम्मीदवार को मैदान में उतारा है तो वही कांग्रेस ने कविता सिंह पर भरोसा जताया है।लेकिन बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा बीजेपी पर भारी पड़ सकता है।
मध्य प्रदेश की खजुराहो लोकसभा सीट बीजेपी की दिग्गज नेता उमा भारती का गढ़ रही है। खुजराहो लोकसभा सीट पर उमा भारती 4 चुनावों में जीत हासिल कर संसद तक पहुंच चुकी हैं। हालांकि इस सीट पर उनको एक बार हार भी मिली है। वर्तमान सांसद नागेन्द्र सिंह के विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद खाली हुई इस सीट पर अब बीजेपी ने बाहरी उम्मीदवार और संघ के करीबी प्रदेश महामंत्री बीडी शर्मा को मैदान में उतारा है। वही कांग्रेस ने कविता सिंह को उम्मीदवार बनाया हैं, जो वर्तमान में परिषद अध्यक्ष है वही उनके पति विक्रम सिंह नातीराजा खजुराहो लोकसभा सीट में आने वाली राजनगर विधानसभा से वर्तमान में विधायक हैं।
हालांकि कविता के सामने बीडी शर्मा की मुश्किलें कम नही होगी। चुंकी शर्मा के बाहरी होने पर स्थानीय नेताओं ने नाराजगी जताई है। भाजपा की पूर्व मंत्री ललिता यादव पहले ही खजुराहो सीट से पार्टी का टिकट मांग रही थीं, इसे लेकर उनके समर्थक कई बार पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदर्शन भी कर चुके थे। रविवार को भी विरोध इतना बढ़ा कि पार्टी के पूर्व विधायक और बड़े नेता गिरिराज किशोर पोद्दार ने तो बीजेपी ही छोड़ी दी। इससे पहले जब शर्मा का नाम भोपाल से नाम चल रहा था तब भी स्थानीय नेताओं ने पुरजोर विरोध किया था, विधानसभा चुनाव के दौरान भी विरोध के स्वर तेजी से फूटे थे, जिसके चलते उन्हें टिकट नही दिया गया था, लेकिन संघ के दबाव के चलते इस बार बीजेपी को उन्हें खजुराहो से टिकट देना पड़ा।
ऐसे में भाजपा उम्मीदवार वीडी शर्मा के सामने चुनौतियां कम नहीं होंगी।शर्मा के विरोध का फायदा कही ना कही कविता सिंह को मिल सकता है, वो बाहरी प्रत्याशी होने का मुद्दा जनता के बीच भुना सकती है। वही कविता कांग्रेस की तरफ से नया चेहरा हैं, उन्हें शाही परिवार के साथ राजगढ़ राजघराने की रिश्तेदारी का फायदा मिल सकता है। वर्तमान में कविता सिंह खुद खजुराहो नप अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही वह विधायक नातीराजा की पत्नी है इसका भी असर पड़ सकता है। चुंकी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का अच्छा परफॉरमेंस रहा। कांग्रेस को भी पूरी उम्मीद है कि वह इस बार अपना सूखा यहां खत्म कर लेगी।