असल-नकल संगठनों की लड़ाई : एक ने लगाया आरोप, धमकी दी, दूसरा कह रहा पहले उसकी जांच करो

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भोपाल। 35 बरस पहले राजधानी भोपाल में हुए दुनिया के सबसे भीषण हादसे गैस त्रासदी के पीडि़तों के हक दिलाने वाले संगठनों में आमने-सामने के विवाद उभरकर आने लगे हैं। विदेशी चंदे से लेकर ईनाम और पुरस्कारों तक को लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं। विवाद के हालात यहां तक बढ़ चुके हैं कि एक संगठन की महिला नेत्री ने दूसरे संगठन के पुरुष अध्यक्ष के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने का मामला थाने में दर्ज करवा दिया है। आरोप से आहत दूसरे संगठन अध्यक्ष ने सामने वाले संगठन को मिलने वाले चंदे और उसकी संपत्ति की जांच की मांग कर डाली है। मामला राजधानी में काम कर रहे दो गैस पीडि़त संगठनों के बीच गहराता नजर आ रहा है। एक संगठन की महिला नेत्री रचना ढ़ींगरा ने पिछले दिनों थानों मंगलवारा में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें एक अन्य संगठन के अध्यक्ष शम्सुल हसन ने जान से मारने की धमकी दी है। रचना की शिकायत पर पुलिस ने हसन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। 

हसन के पक्ष में आई महिला ब्रिगेड

रचना ढ़ींगरा द्वारा लगाए गए आरोप और पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही के खिलाफ कई महिलाओं ने पत्रकारवार्ता आयोजित कर इस आरोप और कार्यवाही को निराधार करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बाहर से आकर गैस पीडि़त संगठन के नाम पर रचना ढ़ीगरा ने बड़ी संपत्ति बना ली है। विदेशों से मिलने वाले चंदे और सरकारी आमद पर सवाल उठाते हुए उन्होंने रचना की संपत्ति की जांच करने की मांग की है। उन्होंने दावा किया है कि हसन लगातार रचना के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं, जिसकी हताशा में उन्होंने हसन के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करवा दिया है। उन्होंने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा की महिला प्रकोष्ठ की शाहिस्ता खान, मोहिनी देवी, हेमा चौरसिया, तस्लीम जहां आदि ने कहा कि मंगलवारा थाने में ही रचना ढ़ींगरा, सतीनाथ षडंगी आदि के खिलाफ भी रेल रोको सहित कई आंदोलन के मामले दर्ज हैं, लेकिन पुलिस उन पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। 


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