भोपाल डेस्क रिपोर्ट। इंदौर,अंबाला और भोपाल की कुछ कंपनियों पर लघु उद्योग निगम से निविदा पाने के लिए जाली दस्तावेज लगाने का आरोप लगा है। यह दस्तावेज मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के उपकरणों की आपूर्ति पाने के लिए लगाए गए हैं। मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है।
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एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेक इन इंडिया को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं और राज्य सरकार भी इसके लिए तेजी से काम कर रही है वहीं दूसरी ओर अब काम हथियाने के लिए नए-नए तरीके इजाद किये जा रहे हैं। 23 जुलाई को मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम ने बोली संख्या 21035 ए के द्वारा किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाई जा रही मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की आपूर्ति के लिए मिट्टी परीक्षण उपकरणों की आपूर्ति हेतु निविदा आमंत्रित करने के लिए नोटिस जारी किया था। इसमें लघु उद्योग निगम ने हलफनामे के माध्यम से दस्तावेजों की सत्यापित प्रतियों को मांगा था यानी कंपनियों को मूल कैटलॉग और एनएबीएल प्रमाण पत्र जमा करना था। आरोप है कि मैसेज आदित्य ट्रेडिंग इंदौर ने गलत तरीके से कैटलॉग और एनएबीएल लगाए और कई ऐसे दस्तावेजों को भी शामिल कर दिया जो चीनी निर्माताओं से संबंधित उत्पादों में दिखाई जाते हैं। इसके साथ ही मैसेज विजय सेल्स भोपाल नाम की कंपनी के द्वारा भी स्पेक्ट्रोफोटोमीटर की सूची जो किसी अन्य कंपनी से संबंधित है, के दस्तावेज जमा कर दिए गए हैं। अंबाला की कंपनी हंसराज साइंटिफिक वर्क्स ने भी कूट रचित कैटलॉग प्रस्तुत किया है जो चेन्नई की एक कंपनी का कॉपीराइट है। इस शिकायत को सभी दस्तावेजों के साथ मुख्यमंत्री को भेजा गया है और धोखाधड़ी के इरादे से गुमराह करने और फर्जी दस्तावेज बनाने का अपराध बनाने वाली कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
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एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेक इन इंडिया को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं और राज्य सरकार भी इसके लिए तेजी से काम कर रही है वहीं दूसरी ओर अब काम हथियाने के लिए नए-नए तरीके इजाद किये जा रहे हैं