भाजपा के निशाने पर गांधी परिवार, राहुल के जनेऊ को लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कही बड़ी बात

Atul Saxena
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra)  ने गांधी परिवार (Gandhi Family) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने हमेशा हमारी भावनाओं को तकलीफ पहुँचाने का काम किया है, भाई दूज पर यदि प्रियंका का राहुल के माथे पर तिलक करते तस्वीर आती तो क्या दिक्कत थी, लेकिन गांधी परिवार कभी हिन्दुओं के किसी त्योहार को मनाते फोटो नहीं डालते लेकिन चुनाव आते ही जनेऊधारी राहुल की तस्वीर आ जाती हैं, दत्तात्रेय गोत्र हो जाता है।

मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता, गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने रविवार को अपनी नियमित प्रेस ब्रीफिंग में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए गांधी परिवार (Gandhi Family) पर निशाना साधा।  उन्होंने कहा कि मैं अभी तक नहीं समझ पाया कि यदि भाई दूज पर राहुल गांधी के माथे पर तिलक करती प्रियंका की तस्वीर आ जाती तो क्या दिक्कत थी। क्या ये जरुरी है कि हमारी भावनाओं को तकलीफ पहुँचाने वाली तस्वीर ही डाली जाये।

ये भी पढ़ें – Gold Silver Rate : दिवाली बाद सोने में उछाल, चांदी पुरानी कीमत पर, ये है ताजा रेट

नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने कहा कि हिन्दुओं के त्योहार को देख लीजिये, क्या लक्ष्मी पूजन का चित्र दिखा दिवाली पर ?  वैसे दत्तात्रेय हिन्दू हैं, जनेऊधारी हैं, कश्मीरी हैं। ये सिर्फ चुनाव पर ही होते हैं लेकिन हिन्दुओं की भावनाओं का कभी ध्यान नहीं रखा गांधी परिवार ने।

एक अन्य सवाल पर नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया।  उन्होंने कहा कि भाजपा कांग्रेस की तरह वोट की राजनीति नहीं, बल्कि सेवा से सरोकार रखती है। हमारा नेतृत्व चुनावी फायदे के बारे में सोचता तो उपचुनाव से पहले पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाता, लेकिन हमनें उपचुनाव के बाद जनहित में यह कदम उठाया।

 ये भी पढ़ें – SSC Exams: एसएससी उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर, नया नियम लागू, जानें अपडेट

ये भी पढ़ें – इस फोटोशूट में किसी सुपर मॉडल से कम नहीं दिख रहे हैं नीरज चोपड़ा, देखें वायरल Photos


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News