Guru Nanak Jayanti : समतामूलक समाज के उन्नायक ‘गुरूनानक देव’

भोपाल, अशोक कुमार भार्गव। सिख धर्म (Sikh) के संस्थापक आदि गुरु नानक देव (Guru Nanak Jayanti) जी मानवीय कल्याण के प्रबल पक्षधर थे, जिन्होंने समकालीन सामाजिक राजनीतिक और धार्मिक परिस्थितियों की विसंगतियों विडंबनाओं, विषमताओं, धार्मिक आडंबरों,कर्मकांडों अंधविश्वासों तथा जातीय अहंकार के विरुद्ध लोक चेतना जागृत की और इसके साथ ही तत्कालीन लोदी और मुगल शासकों के बलपूर्वक मतांतरण तथा बर्बर अत्याचारों के विरुद्ध प्रखर राष्ट्र वाद का निर्भीकतापूर्वक क्रांतिकारी शंखनाद किया।

उन्होंने विभिन्न उपमाओं, रूपकों ,प्रतीकों और संज्ञाओं से परिपूर्ण अमृतवाणी से एक ओंकार सतनाम, आध्यात्मिक पवित्रता ,सामाजिक समरसता, साम्प्रदायिक सद्भाव, कौमी एकत,बंधुता लैंगिक समानता ,नारी सम्मान के साथ ही भेदभाव रहित समतामूलक समाज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर अपने स्वतंत्र दृष्टिकोण से हिंदू धर्म को संगठित संघर्ष प्रदान किया।


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Kashish Trivedi

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