MP में शुरू होगी स्वस्थ बालक – बालिका स्पर्धा, घर- घर जाकर लिया जाएगा बच्चों का शारीरिक माप

Manisha Kumari Pandey
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में 21 से 27 मार्च तक स्वस्थ बालक – बालिका स्पर्धा का आयोजन किया जाएगा।  इस दौरान स्वास्थ्य और पोषण विषयों पर भागीदारी और सुपोषित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गांव और शहरों में यह अभियान शुरू किया जाएगा। नवजात से लेकर 6 साल की आयु वर्ग के बच्चों से जुड़े स्वास्थ्य और पोषण के मुद्दों को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से यह स्पर्धा का आयोजन मध्यप्रदेश में किया जा रहा है। साथ ही इस अभियान का मकसद 6 वर्ष तक की आयु वर्ग के  बच्चे जो की आंगनवाड़ी की सेवाओं से वंचित है, उन्हें भी इस अभियान का हिस्सा बनाया जाएगा।

यह भी पढ़े… 10वीं पास और ITI क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार का मौका, जल्दी करें आवेदन..

इस तरह बच्चों के परिवार और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्पर्धा (competition) की भावना को बढ़ावा दिया जाएगा। महिला बाल विकास संचालक रामराव  भोसले का कहना है कि यह फैसला  महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लिया है।  जिसके मुताबिक प्रदेश के सभी जिलों के गांव और शहरी क्षेत्रों में स्पर्धा  का आयोजन आंगनवाड़ी केंद्र, स्कूल, पंचायत, स्वास्थ्य केंद्र और घरों में किया जाएगा।  जिस के रिकॉर्ड को पोषक ट्रैकर एप की मदद से ऑनलाइन दर्ज किया जाएगा।

यह भी पढ़े… हिजाब विवाद: कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ चेन्नई के एक कॉलेज में विरोध शुरू..

इस अभियान में जुड़ने वाले जिले, परियोजना सेक्टर और आंगनवाड़ी केंद्रों को स्वस्थ बालक- बालिका स्पर्धा में काम करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। डॉ. भोसले के मुताबिक बच्चों में कुपोषण और समय पर इलाज के लिए नियमित निगरानी के महत्व को बढ़ावा देगी।  इस दौरान 6 वर्ष तक के बच्चों की ऊंचाई, लंबाई और उम्र का डाटा भी कलेक्ट करने में मदद होगी।  जिससे सभी जिलों के बच्चों के शारीरिक स्थिति  चिन्हित किया जा सकता है।

यह भी पढ़े…Government Job 2022 : टीचर एवं अन्य पदों पर निकली भर्ती, जल्द करें आवेदन

21 मार्च 2022 से स्वास्थ्य बालक बालिका स्पर्धा पूरे प्रदेश में मनाई जाएगी और पहले 2 दिनों तक सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक बच्चों का शारीरिक माप आंगनबाड़ी में नापा जाएगा और 23 से 27 मार्च तक सुबह 9:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक आंगनवाड़ी बच्चों केशारीरिक माप को घर जाकर नापा जाएगा।  तो वही मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्र जो आंगनवाड़ी केंद्र से बाहर है उनके प्रत्येक  कॉलोनी और सोसाइटी में घर-घर जाकर 6 वर्ष के बच्चों का शारीरिक माप लिया जाएगा।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News