भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में महानिदेशक नरोन्हा प्रशासन अकादमी भोपाल पदस्थ श्रीमती गौरी सिंह ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिये राज्य सरकार को आवेदन कर दिया है। श्रीमती गौरी सिंह 1987 बैच की अधिकारी हैं। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार से नाराजगी के चलते उन्होंने यह बड़ा कदम उठाया है।
दरअसल श्रीमती गौरी सिंह पिछले कुछ समय से विवादों में बनी हुई थी। उनको लेकर विवाद तब उभरा, जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे विवेक अग्रवाल के खिलाफ ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के तरीके पर सवाल उठाये थे। ईओडब्यू ने बाकायदा अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सार्वजनिक बयानबाजी की थी, इसे लेकर उन्होंने मुख्य सचिव एसआर मोहंती को आईएएस ऑफीसर्स एसोसियेशन की अध्यक्ष की हैसियत से पत्र लिखा और ईओडब्ल्यू के तरीके पर नाखुशी जताई थी। बाद में एक अन्य मामले को लेकर भी विवाद की स्थिति बनी। जिसमें उन्होंने अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पदस्थ रहने के दौरान पंचायत चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी कर दी थी। इस पर विभाग के मंत्री कमलेश्वर पटेल ने गहरी आपत्ति जताई थी कि उनसे परामर्श किये बगैर ही आदेश जारी कर दिये गये। हांलाकि बाद में मंत्री के दबाव में चुनाव की प्रक्रिया संबंधी अधिसूचना निरस्त भी कर दी गई। इस घटनाक्रम के बाद राज्य सरकार ने उन्होंने एसीएस पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दायित्व से हटा दिया और महानिदेशक प्रशासन अकादमी बना दिया। बताया जा रहा है कि श्रीमती गौरी सिंह तब से ही नाराज चल रही हैं और उनकी नाराजगी की परिणति यह रही कि उन्होंने अब वीआरएस के लिये आवेदन कर दिया है। यहां बता दें कि उनके पति संजय सिंह भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1987 बैच के ही अधिकारी हैं और इस समय दिल्ली में पदस्थ हैं।