भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राजीव शर्मा (IAS Rajeev Sharma) की नई पुस्तक ‘द एसडीएम’ बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध है। एसडीएम के अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में हिंदी में लिखी गई यह पहली किताब है और इस विषय पर लिखी गई इकलौती किताब भी है।
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भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राजीव शर्मा अपनी कार्यकुशलता, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के लिए तो जाने ही जाते हैं, इसके साथ ही वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी भी है। वर्तमान में शहडोल संभाग के संभाग आयुक्त के रूप में कार्यरत राजीव शर्मा की नई पुस्तक ‘द एसडीएम’ बाजार में आ गयी है। किसी भी अनुभाग में उसकी दशा और दिशा तय करने में अनुविभागीय अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राजीव शर्मा ने अपने अनुभव और अध्ययन के आधार पर एसडीएम की भूमिका, कर्तव्य और अधिकारों को इस पुस्तक में समाहित किया है। एसडीएम जिन विधिक प्रावधानों के तहत कार्य करते हैं उनका अनूठा संकलन इस पुस्तक में किया गया है। हिंदी में इस विषय पर यह पहली किताब है और किसी भी नए अनुविभागीय अधिकारी के लिए यह पुस्तक इनसाइक्लोपीडिया का काम करेगी।
1988 में राज्य प्रशासनिक सेवा से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले राजीव शर्मा के अब तक तीन कविता संग्रह, एक इतिहास पुस्तक और दो उपन्यास आ चुके हैं। आदि शंकराचार्य के जीवन पर केंद्रित उनका उपन्यास विद्रोही सन्यासी अंतरराष्ट्रीय ख्याति के वैली ऑफ वर्ड साहित्यिक सम्मान 2021 से पुरूस्कृत हो चुका है। भगवान परशुराम के जीवन पर आधारित उनके उपन्यास अद्भुत सन्यासी के एक साथ तीन संस्करण आए हैं। दोनों उपन्यास मराठी में आने के बाद अब अंग्रेजी, बांग्ला और गुजराती भाषा में भी अनुदित हो रहे हैं।