भोपाल।
आज राजधानी भोपाल में कमलनाथ कैबिनेट की पहली बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में नवनिर्वाचित मंत्री, सभी विभागों के प्रमुख सचिव और आला अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा कि जो कार्य उनके स्तर पर हो सकता है उसे वही निपटालें, मेरे पास न लाएं। काम में किसी भी तरह की लापरवाही और गड़बड़ी नहीं होना चाहिए। अब गुरुवार को फिर कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है, जिसमें किसान कर्ज माफी पर चर्चा की जाएगी।
वही बैठक में नाथ ने मंत्रियों से कहा कि मुख्यमंत्री सचिवालय से विभाग नहीं चलेंगे, मंत्री अपने विभाग खुद चलाएंगे। विभागीय मंत्रियों की जिम्मेदारी है कि जो वचन पत्र में दिया गया है उसका जल्द से जल्द क्रियान्वन हो, उसकी समयाअवधि भी निर्धारित की जाए। इस दौरान ऊर्जा विभाग का प्रेजेंटेशन जारी किया गया और बिजली बिल हॉफ करने पर भी चर्चा की गई।बताते चले कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में बिजली बिल हाफ करने का वादा किया था।अब अगली बैठक गुरुवार को बुलाई गई है।खबर है कि बैठक में बिजली के नए टैरिफ प्लान और गरीबों को दी जाने वाली बिजली पर चर्चा के साथ ही प्रदेश में यूरिया संकट और किसानों की परेशानी पर भी चर्चा हो सकती है।
बैठक से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके मंत्री मिंटो हॉल गए, जहां उन्होंने महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मुख्यमंत्री ने इसके बाद मिंटो हॉल में अपर मुख्य सचिव, सभी विभागों प्रमुख सचिवों के साथ ही विभागाध्यक्षों के साथ मिलकर चर्चा की।
ज़ीरो टॉलरेंस पर सीएम का ज़ोर
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट की पहली ही बैठक में साफ कर दिया है कि वचन पत्र के समस्त बिंदुओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित विभाग की होगी। साथ ही उन्होंने मंत्रियों को साफ कर दिया है कि वह अधिकारियों के साथ बेहतर तालमेल बनाकर काम करेंगे। सरकार में लापरवाही और सुस्ती के प्रति जीरो टॉलरेंस होगी। जनसेवा सरकार का प्राथमिक दायित्व है। नाथ ने कहा कि मुझे किसी तरह की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। अगर शिकायत मिली तो मुझे अफसर को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नए नजरिए के साथ व्यवस्था को देखें, जहां भी परिवर्तन और नवाचार जरूरी हैं, उन पर अमल करें। इसके साथ ही हर कैबिनेट में एक विभाग को प्रेजेंटेशन देना होगा।