भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जल संसाधन विभाग में 877 करोड़ का घोटाला उजागर होने के बाद तत्कालीन कमलनाथ सरकार एक बार फिर कटघरे में आ गयी है। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि इससे कल्पना की जा सकती है कि कमलनाथ सरकार किस हद तक भ्रटाचार में डूबी थी । उसने किसानों को पानी देने की जगह उसमे पैसा बहाकर नहरे ही सूखा डाली। उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू इस मामले की जांच कर रहा है।दोषी कितना भी बड़ा क्यों नही हो , उसे बख्शा नहीं जाएगा।
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गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि किसानों को दो लाख का कर्ज माफ के नाम पर धोखा देने वाली कमलनाथ सरकार का एक बार फिर किसानों के साथ छल सामने आया है। इस मामले ने यह भी सिद्ध कर दिया है कि कमलनाथ सरकार ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में एक ही काम किया और वह है भ्रष्टाचार।इस मामले में किसानों के नाम पर कमलनाथ सरकार ने 877 करोड़ रुपए काम से पहले ही एडवांस में कंपनियों को दे दिए। इन कंपनियों ने काम ही नही किया।
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मेंटेना और टाटा कंपनी तो पैसा लेने के बाद काम ही भूल गयी। भ्रष्टाचार के पैसे नहरों में इस तरह बहाए गए कि किसानों की नहरे ही सूखा दी गयी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि इस मामले में कई अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए है। जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा फिर घोटाले की जांच जारी है जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्यवाही होगी। कोई कितना भी बड़ा और कितना भी प्रभावशाली क्यों नहीं हो, बख्शा नही जाएगा।