भोपाल।
बीते दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा था कि प्रदेश की सड़कों पर गौमाता नहीं दिखनी चाहिए। हर जिले में जल्द से जल्द गौशालाओं बनाएं और उनका ख्याल रखें।लेकिन अब सरकार गायों को आवारा छोड़ने वाले मालिकों पर भी लगाम कसने के मूड में है।कमलनाथ सरकार लोकसभा चुनाव से पहले सरकार दूध निकालकर गायों को सड़कों पर छोड़ने वाले मालिकों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
दरअसल, जब जब देश में आम चुनाव होते है तब तब गाय को लेकर सियासत होती रहती है, जिसका असर प्रदेश की राजनीति पर भी पड़ता है। पिछली सरकार मे भी गौ हत्या और उनके भरण पोषण को लेकर खूब हंगामा होता रहा था। सदन से लेकर सड़क तक गाय के मुद्दे को उठाया जाता और राजनैतिक हमले किए जाते रहे, लेकिन अब प्रदेश में सरकार बदल गई और सरकार का गायों के प्रति रवैया भी। कमलनाथ सरकार गायों को लेकर अब सख्त हो चली है और इसी के चलते गाय का दूध निकालकर उसे आवारा छोड़ देने वाले गाय मालिकों खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की तैयारी कर रही है।
खबर है सरकार इसके लिए पुराने नियमों में बदलाव करने जा रही है, जिसके अनुसार अब गायों को आवारा छोड़ने वाले मालिकों से जुर्माने के रुप में दोगुनी राशि वसूली जाएगी।अभी तक जो जुर्माना ढाई सौ रुपए था उसे पांच सौ रुपए किया जाएगा। इसके साथ ही गाय को दोबारा आवारा छोड़ने वाले गाय मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने किए जाने की भी बात सामने आ रही है।बताते चले कि कांग्रेस ने अपने ‘वचन पत्र’ में कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने पर वह हर ग्राम पंचायत में गौशाला खोलेगी और इसके संचालन हेतु अनुदान भी देगी।मप्र में गाय की स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और प्रचार के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय गोकुल मिशन की तर्ज पर पचास गोकुल ग्राम का विकास और दूसरी सभी सुविधाएं से लैस गौशालाओं की संख्या बढ़ाने का वायदा किया गया। प्रत्येक सम्भाग में एक गौअभ्यारण्य बनाने की बात कही गई।