पूर्व सीएम कमलनाथ का आरोप, प्रशासन का अंकुश नहीं इसलिए हो रहा अवैध पटाखा भंडारण, प्रदेश सरकार से की ये अपील

कमलनाथ ने कहा - पेटलावद और हरदा जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति इसीलिए हो रही है क्योंकि अवैध पटाखों के गोदामों और दुकानों के संचालन पर प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है। बड़ी संख्या में पटाखा फैक्ट्रियों का संचालन भी सुरक्षा नियमों को दरकिनार करके हो रहा है। मैं सरकार से आग्रह करता हूँ कि केवल हादसों के बाद कार्रवाई की ख़ानापूर्ति की बजाय सामान्य दिनों में भी पटाखा फ़ैक्ट्री एवं बारूद भंडारण की नियमित जाँच कराकर सुरक्षा मानकों का पालन सुरक्षित करायें और सघन आबादी क्षेत्रों से इस तरह के व्यापार को सुरक्षित क्षेत्रों में विस्थापित करने की दिशा में कार्य करें।

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Kamal Nath

Kamal Nath appeal to CM Mohan Yadav : हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट के बाद सरकार के आदेश पर प्रदेश में हुई शुरआती जाँच में ही कई शहरों में पटाखों का अवैध कारोबार पकड़ में आया है हालाँकि जिला प्रशासन इसके खिलाफ कार्रवाई कर रहा हैं लेकिन कांग्रेस इस पर सवाल कर रही है, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आरोप है कि अवैध पटाखों के गोदामों और दुकानों के संचालन पर प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है इसलिए इस तरह के हादसे हो जाते हैं इसपर कड़ा एक्शन होना चाहिए।

एमपी में कई जगह मिले अवैध पटाखा कारोबार 

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया X पर लिखा-   “हरदा की अवैध पटाखा फ़ैक्ट्री में विस्फोट के बाद जागी सरकार की कार्रवाई मे इंदौर, भोपाल और जबलपुर समेत कई शहरों में पटाखों के अवैध कारोबार मिले हैं। जाँच में पाया गया है कि शहरों में अमानक पटाखा फैक्ट्री और गोदाम की वजह से मध्यप्रदेश की बड़ी आबादी खतरें में है। घनी बस्तियों में कारोबारियों ने पटाखों के कई अवैध गोदाम बना रखें हैं। कुछ जगहों पर घरों में गुपचुप तरीके से पटाखें निर्माण का काम भी चल रहा है। इसके लिए घरों में बारूद का अवैध भंडारण भी हो रहा है।”

अवैध पटाखों के गोदामों और दुकानों के संचालन पर प्रशासन का कोई अंकुश नहीं : कमलनाथ 

उन्होंने कहा – “पेटलावद और हरदा जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति इसीलिए हो रही है क्योंकि अवैध पटाखों के गोदामों और दुकानों के संचालन पर प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है। बड़ी संख्या में पटाखा फैक्ट्रियों का संचालन भी सुरक्षा नियमों को दरकिनार करके हो रहा है। मैं सरकार से आग्रह करता हूँ कि केवल हादसों के बाद कार्रवाई की ख़ानापूर्ति की बजाय सामान्य दिनों में भी पटाखा फ़ैक्ट्री एवं बारूद भंडारण की नियमित जाँच कराकर सुरक्षा मानकों का पालन सुरक्षित करायें और सघन आबादी क्षेत्रों से इस तरह के व्यापार को सुरक्षित क्षेत्रों में विस्थापित करने की दिशा में कार्य करें।”

आपको बता दें कि हरदा अवैध पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि गंभीर रूप से घायल जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं, सरकार अपनी सफाई में वो सब कुछ बता रही है जो उसने हादसे के बाद किया मसलन एसपी, कलेक्टर का ट्रांसफर, बेहतर इलाज की सुविधा, त्वरित राहत और बचाव कार्य, आर्थिक सहायता सहित अन्य मदद के काम लेकिन कांग्रेस का सवाल है कि इस तरह की घटनाएँ फिर कभी न हों इस ओर सरकार को कोई ठोस कदम उठाना होगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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