भोपाल। कमलनाथ सरकार ने पिछली सरकार की योजनाओं पर एक्शन लेते हुए दीनदयाल वनांचल योजना पर रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकारी खजाने पर बोझ मानकर इसे बंद करने के आदेश दिए हैं। वित्त विभाग ने इस योजना पर आपत्ति जताई थी। जिसके बाद सरकार ने इसे बंद करने के आदेश दिए हैं। सीएम का मानना है कि ऐसी योजनाएं फिजूलखर्ची हैं। यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा आदिवासियों द्वारा 2016 में शुरु की गई थी। पूर्व मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार की पत्नी डॉ किरण शेजवार को इस योजना की चिकित्सा पर्यवेक्षक बनाया गया था।
खबर है कि सरकार की नज़र अब शिवराज सरकार के कार्यकाल में शुरु की गई अन्य योजनाओं पर है। कमलनाथ सरकार धीरे धीरे कई योजनाओं को बंद करने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसे फिजूल खर्च बताया है। क्योंकि इस योजना में वन विभाग के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, और आदिम जाति कल्याण विभाग को भी जोड़ा गया था, जो कि खजाने पर सीधा बोझ डाल रहे थे, वही वित्त विभाग ने योजना पर आपत्ति जताई है, जिसके चलते कमलनाथ सरकार ने भी इसे फिज़ूलखर्ची मानते हुए इसे बंद करने के आदेश दिए है। अब इस योजना में पूर्व मंत्री की भूमिका की कांग्रेेस जांच कराएगी ।हालांकि इस योजना के बंद किए जाने की घोषणा के बाद अभी तक भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
क्या है दीन दयाल वनांचल सेवा योजना
यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने 2016 में शुरु की थी। दीन दयाल वनांचल सेवा योजना की शुरुआत वन विभाग में कार्य कर रहे वनांचल कर्मियों के आपसी सहयोग तथा वहां रह रहे वनवासियों के शिक्षा तथा स्वास्थ्य के स्तर में बढ़ोतरी के लिए की गई थी। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के लगभग 24 गांवों के हज़ारों नागरिकों को फायदा होता था।साथ ही इस योजना का पढ़ाई तथा कुपोषण की समस्या को दूर करने के लिए भी उपयोग किया गया था। लेकिन अब नई सरकार ने कर्ज के बढ़ते बोझ के चलते इस बंद कर दिया है।
शिवराज पहले ही दे चुके है चेतावनी
बता दे कि बीते दिनों ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने कमलनाथ सरकार को चेताया था कि जनकल्याण की कोई योजनाएं बंद नही होनी चाहिए, जिससे जनता का नुकसान हो। अगर ऐसा होता है तो वे सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेंगें, आंदोलन किया जाएगा।