भोपाल/ग्वालियर।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद नेता अपने ही बड़े नेताओं पर हमले बोल रहे है। लाल सिंह आर्य के बाद औ पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने हार के लिए अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के ही कुछ नेता दिन में हमारे साथ थे तो रात में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में काम करते रहे।अगर पार्टी में बड़े पदों पर बैठे लोग मर्यादा का ध्यान रखते तो मुख्यमंत्री पद की शपथ शिवराज सिंह चौहान ले रहे होते।पवैया के इस बयान के बाद से ही प्रदेश की राजनीति में ह़ड़कंप मच गया है।
दरअसल, हार के बाद गुरुवार को अपने घर पर पवैया ने आभार सभा का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं पर इशारों-इशारों पर निशाना साधा है। कुछ लोग पार्टी में प्रदेश स्तर के पदों पर जुगाड़ कर चले आते हैं, उसके बाद पार्टी को हराने का काम करते हैं। ऐस लोगों का पालन पोषण का काम नहीं करना चाहिए,अब पानी सर से ऊपर से निकल चुका है, ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। बताते चले कि ग्वालियर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी पवैया को कांग्रेस प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर से 21 हजार वोट से हराया था।
पवैया ने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस कहीं थी ही नहीं। कांग्रेस अपनी पीठ थपथपा सकती है, मगर ग्वालियर-चंबल संभाग में यदि अनुशासन को अपनाया जाता और बड़े नेता अपनी मर्यादा का ध्यान रखते तो शायद मुख्यमंत्री पद की शपथ शिवराज सिंह चौहान ले रहे होते।
एट्रोसिटी एक्ट पर भी जयभान सिंह पवैया ने दो टूक अंदाज में कहा कि, कोई भी इस मामले में चल रही अंदरूनी लहर को नहीं भांप सका। इसके दोहरे दुष्प्रचार का खामियाजा भाजपा ने इस चुनाव में खासकर इस अंचल में भुगता। पार्टी में कुछ मर्यादाएं हैं, इसलिए मीडिया के सामने नही बोल सकते, लेकिन अपनी बात पार्टी फोरम पर जरुर रखेंगे।