गोल्डन हीरो बाबू की तरह और भी कई सरकारी कर्मचारियों ने जमा कर रखी काली कमाई

Amit Sengar
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भोपाल, रवि नाथानी। चिकित्सा शिक्षा विभाग में पदस्थ हीरो केसवानी पर बैरागढ़ थाने में शासकीय कार्य में बाधा का मामला पुलिस (bhopal Police) ने दर्ज कर लिया है। इधर केसवानी की अस्पताल से छुट्टी होने के बाद ईओडब्ल्यू (EOW) के अधिकारी सख्ती से पूछताछ करेंगे।

बता दें कि गोल्डन हीरो बाबू पर ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद संत नगर के दूसरे कर्मचारी भी सख्ते में है। संत नगर के अन्य कर्मचारी भी बेनामी संपत्ती के मालिक बने बैठे है और कईयों ने तो इस पैसे से बड़ी-बड़ी बिल्डिंगे तक तैयार कर ऐशो आराम की जिंदगी बीता रहे है। कई कर्मचारी तो इसी काली कमाई से फ्लेट बना कर उन्हे बेचने का काम कर रहे।

ऐसे कर्मचारियों पर सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि ये पैसे इनके पास कहां से आए और किसने दिए। इन कर्मचारियों ने ना तो बैंकों से लोन लिया है और ना ही और कहीं से पैसे इनके पास आये है,पैसे आए है तो आए कहा से। ऐसे कर्मचारियों की सूची भी अब विभाग तैयार करने के मूड में है जो ठाठ से जिंदगी जी रहे है और सरकारी पैसे को अपनी जेबों में कैसे भर-भर कर जा रहे है और अधिकाराी चुप है।

ईओडब्ल्यू विभाग शासकीय कर्मचारियों पर कार्रवाही के बाद संत नगर में हडक़ंप की स्थिति बनी हुई है। संभवत संत नगर में इस विभाग की यह पहली कार्रवाई थी,इस बड़ी कार्रवाई के बाद अन्य शासकीय कर्मचारी सदमें है उनका बिना गर्मी के पसीन छूट रहा है। वहीं जो कर्मचारी बड़े बड़े बिल्डर्स बनकर फ्लेट बनाकर बेच रहे है,उन्होंने संत नगर प्रापर्टी ब्रोकर्स और दलालों को हायर करके रखा है,साथ ही ठेकेदार भी इनके साथ है। ऐसे कर्मचारी संत नगर के वन ट्री हिल्स रोड़,वन ट्री हिल्स कालोनी,एफ वार्ड,बी वार्ड,सराफा मार्केट,झूलेलाल मंदिर मार्ग,सीटीओ,कैलाश नगर,आरा मशीन रोड़ के आसपास रहते है।

गोल्डन हीरो बाबू की तरह और भी कई सरकारी कर्मचारियों ने जमा कर रखी काली कमाई

353 की हुई कार्रवाई
ईओडब्ल्यू विभाग की टीम सर्चिंग के लिए पहुंची थी,तो हीरो केसवानी सहित परिवार के अन्र सदस्यों ने शोर मचाकर कार्रवाई मे बांधा डाली थी, और हीरो केसवानी द्वारा फिनाइल पी लिया था। इससे कार्रवाई समय पर शुरू नहीं हो पाई थी,इस संबंध में विभाग ने थाने में आवेदन दिया और मामला दर्ज करवाया। यह बात दोपहर की बताई जा रही है और इसका खुलासा देर रात को हुआ,इससे कहीं ना कहीं मीडिया को भी दूर रखकर गुमराह करने का प्लान अधिकारी तो नहीं कर रहे है।

थाना प्रभारी डी.के सिंह ने बताया कि शासकीय कर्मचारी पर धारा 353 के तहत आवेदन के आधार पर मामला दर्ज किया गया है। बुधवार सुबह को जब कार्रवाही करने टीम पहुंची थी,तो उस दौरान परिजन घबरा गए और शोर-शराबा करने लगे थे। इसी बीच हीरो केसवानी ने बाथरूम में जाकर वहां रखा फिनाइल पी लिया वहीं कर्मचारियों से धक्का मुक्की कर उनका बेटा वहां से भाग गया था,उस पर भी कार्रवाही होना लगभग तय है। इस मामले में दोनो बेटे और पत्नी को आरोपी बनाया गया है, इसने पूछताछ होगी। बहू के ऊपर कोई मामला दर्जन नहीं किया गया है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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