राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य एवं प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार का लाडली बेटी और बहनों के प्रति प्रेम एवं स्नेह महज एक राजनीतिक दिखावा मात्र है। शर्मा ने कहा कि आंकड़े बयां कर रहे है कि लगभग 30 हजार नाबालिग बेटियां मध्यप्रदेश में दुष्कर्म का शिकार हुई हैं। यह भयावह आंकड़ा बताता है कि मध्यप्रदेश सरकार बेटियों की सुरक्षा करने में पूरी तरह नाकाम और विफल रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार लाड़ली लक्ष्मी और लाडली बहनों को योजनाओं के नाम पर गुमराह कर रहे हैं तो दूसरी तरफ प्रदेश की बहन बेटियां सुरक्षित नहीं रह पा रही हैं। कांग्रेस नेत्री शर्मा ने कहा कि बड़े शर्म की बात यह है कि मध्यप्रदेश सरकार बेटियों की सुरक्षा करना तो दूर उन्हें हादसे का शिकार होने पर भी समय पर न्याय नहीं दिला पा रही है।
प्रदेश की लैब में पेंडिंग है डीएनए सैंपल
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मप्र में पिछले चार साल में 29,506 नाबालिग बेटियां दुष्कर्म का शिकार हुई। पॉक्सो एक्ट के तहत ऐसे मामलों दो महीने ने में जांच पूरी कर कोर्ट में चालान पेश करना अनिवार्य है। इसके लिए डीएनए जांच भी जरूरी है। लेकिन मप्र में 3,331 मामलों में डीएनए सैंपल प्रदेश की लैब में पेंडिंग हैं। इनमें कई सैंपल की रिपोर्ट तो चार साल से नहीं आई।
आखिर कब नींद से जागेगी सरकार
कांग्रेस नेत्री शर्मा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से सवाल उठाया है कि दुष्कर्म केस में बेटियों की पढ़ाई और घर छूट गए हैं। पीड़ित बेटियों का घर परिवार या समाज में रहना मुश्किल हो रहा है। आखिर प्रदेश की इन लाड़ली बेटियों को कब तक न्याय मिलेगा ? प्रदेश की मोहन सरकार आखिर कब नींद से जागेगी।