भोपाल। मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस सरकार के लिए अपनों को खुश रखना मुश्किल हो रहा है| एक तरफ विपक्ष के हमले सरकार को परेशान करते हैं, तो वहीं बार बार अपने विधायक ही अपनी ही सरकार के सामने खड़े हो जाते हैं| ऐसा कई बार हो चुका हैं, अब एक बार फिर पहली बार के कांग्रेस विधायक एक जुट हुए हैं| नाराजगी पुरानी है कि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है| कांग्रेस की सरकार में ही कांग्रेस के विधायक उपेक्षित महसूस कर रहे हैं यह चर्चा सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है|
दरअसल, यह चर्चा इसलिए शुरू हुई है क्यूंकि कांग्रेस के करीब 15 विधायक शुक्रवार को विधायक आरिफ मसूद के घर इकठ्ठा हुए| हालांकि कहा जा रहा है कि यह बैठक नहीं बल्कि डिनर पार्टी थी| लेकिन सियासी गलियारों में चर्चा है कि विधायकों की नाराजगी है कि मंत्री उनकी नहीं सुनते| सूत्रों के अनुसार विधायकों की आपसी चर्चा में मंत्रियों के यहां सुनवाई नहीं होने का दर्द छलका।
उपेक्षा से नाराज
यह बात भी सामने आई है कि सरकार के एक साल पूरा होने पर मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में इन विधायकों की उपेक्षा की गई| मंत्री उनकी बात नहीं सुनते, वहीं मुख्यमंत्री भी उन विधायकों को मिलने का समय नहीं देते| यह नाराजगी पहले भी सामने आ चुकी है जब 27 विधायकों ने अलग से बैठक की थी और मंत्रियों से नाराजगी का मामला सीएम तक भी पहुंचा था| प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने भी सीएम के साथ पार्टी की एक बैठक में मंत्रियों को इस सम्बन्ध में नसीहत दी थी|
यह विधायक पहुंचे
बताया जा रहा है कि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के घर आलोक चतुर्वेदी, प्रवीण पाठक, संजय शुक्ला, महेश परमार, नीरज दीक्षित, रवि जोशी, सुनील सर्राफ, सिद्धार्थ कुशवाह, प्रद्युमन लोधी, अशोक मर्शकोले और सुरेंद्र सिंह ठाकुर मौजूद थे। ये सभी विधायक जल्द ही मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करेंगे।