भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के मुद्दे गायब है। एससी एसटी एक्ट और किसान कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर बीजेपी को सत्ता से बाहर करने वाले मतदातओं के सामने से लोकसभा चुनाव में ये दोनों ही मुद्दे नजर नहीं आ रहे हैं। जबकि, एससी एसटी एक्ट में बदला के बाद देश भर में आंदोलन यहीं से शुरू हुआ जिसका आंच से बीजेपी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा। यहां के वोटर ने बीजेपी के खिलाफ जमकर वोटिंग की और उसे सत्ता से बेदखल कर दिया। लेकिन अब इन दोनों ही मुद्दोंं की जगह राहुल गांधी और पीएम मोदी ने ले ली है।
विधानसभा चुनाव के चार महीने बाद लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। चंबल को दो प्रमुख मुद्दे एससी एसएटी एक्ट और किसान कर्ज माफी दोने ही यहां से गायब हैं। मुरैना, भइंड, ग्वालियर और गुना संसदीय क्षेत्र ग्वालियर और चंबल क्षेत्र में आते हैं। यहां की 34 विधानसभाओं में से कांग्रेस ने एससी एसटी के मुद्दे पर 26 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, बीजेपी को सिर्फ सात सीटों पर संतोष करना पड़ा। विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में सत्ता परिवर्तन के लिए एट्रोसिटी एक्ट का बड़ा किरदार रहा है। इस बिल में संशोधन के बाद यहां वोटरों में बीजेपी के खिलाफ काफी नाराजगी थी।
सिंधिया फेक्टर ने भी किया काम
ग्वालियर चंबल की जनता को उम्मीद थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्यमंत्री के पद र देखना चाहते थे, इसलिए उनके पक्ष में लोगों ने जमकर वोटिंग की। दिसंबद में सत्ता परिवर्तन के बाद कमलनाथ सरकार ने जो काम किया है उसका प्रभाव फिलहाल बहुत अधिक देखने को नहीं मिल रहा है। इसलिए कमलनाथ सरकार के कामों को गिनाने के अलावा अन्य मुद्दों पर कांग्रेस जनसभाओं में घेराव कर रही है।