भोपाल।
आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा अहमदाबाद में दिए गए बयान के बाद राजनीति गरमा गई है।विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरना शुरु कर दिया है। राजनैतिक दलों के बीच बयानबाजी का दौर तेजी से चल रहा है।ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल पूछते हुए कहा है कि भागवत बताएं कि लोग आंदोलन क्यों कर रहे हैं? निश्चित तौर पर यह विरोध 5 ट्रिलियन इकॉनोमी वाला देश हो जाने की वजह से तो नहीं हैं। वही कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे सीधे मोदी और अमित शाह के ऊपर संघ प्रमुख का अटैक बताया है ।
दिग्विजय ने तो साफ तौर पर कहा है कि मोहन भागवत जी आपके और आपकी संस्था के द्वारा दिए जा रहे समर्थन के कारण ही केंद्र सरकार चल रही है। यदि आप समर्थन वापस ले लेंगे तो जमीन खिसक जाएगी। इतना ही नहीं ,मोदी पर तंज कसते हुए दिग्विजय सिंह ने यहां तक कह दिया कि मोदी राज धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं। हालांकि संघ प्रमुख का बयान समसामयिक परिस्थितियों के बारे में पूरे विश्व के संदर्भ में था।
दरअसल, शनिवार को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था समाज में भौतिक सुख के बढ़ने के बावजूद समाज में लोग दुखी हैं। जो राजनीतिक पार्टियां सत्ता में नहीं हैं वे भी दुखी है और आंदोलन कर रही हैं। लोग भौतिक सुख सुविधाओं में लगातार कई गुना वृद्धि हुई है लेकिन फिर भी लोग दुखी होकर आंदोलन कर रहे हैं। आगे मोहन भागवत ने कहा था कि आज दुनिया इतनी करीब आ गई कि पास आते आते दो विश्व युद्ध हो गए और तीसरे महायुद्ध की तैयारी है। मोहन भागवत ने आगे कहा कि आज हर कोई असंतुष्ट है सरकारें असंतुष्ट हैं। कर्मचारी असंतुष्ट है शिक्षक असंतुष्ट है छात्र आंदोलन कर रहे हैं। हम कट्टरवाद कम करने की बात करते हैं क्या कट्टरवाद कम हुआ? भागवत के इसी बयान को। कान्ग्रेस देश के संदर्भ में जोड़कर देख रही है और अब सीधे मोदी और शाह के ऊपर ही हमले कर रही है।वही भागवत के बयान के बाद बीजेपी में भी हलचल तेज हो चली है।