भोपाल डेस्क रिपोर्ट। अक्सर देखने में आता है की विधानसभा में माननीय सदस्य अपना आपा खो कर कई बार विपक्षी दलों पर और एक दूसरे पर ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर देते हैं जो अपमानित होते हैं। पप्पू, फेकूं, बंटाधार, चोर, झूठा, मूर्ख जैसे कई शब्द है जो आप ने विधानसभा में सुने होंगे। लेकिन अब ऐसे शब्दों पर मध्य प्रदेश विधानसभा ने रोक लगा दी है। बता दें कि ऐसे कई संसदीय शब्दों की सूची विधानसभा सचिवालय तैयार कर रहा है। जो 9 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के पहले सदस्यों को दी जाएगी। जिसके बाद सभी सदस्यों से यह उम्मीद रहेगी कि ऐसे शब्दों का कार्यवाही के दौरान उपयोग ना किया जाए जिन्हें विधानसभा की डिक्शनरी से बाहर किया गया है।
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विधानसभा के प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह नेन जानकारी देते हुए बताया कि लोकसभा सचिवालय सहित अन्य विधानसभाओं से ऐसी शब्दों की सूची बुलाई है, जिनका उपयोग नहीं करने की अपेक्षा सदस्यों से की गई है। इसके साथ-साथ सदन की कार्यवाही के दौरान जिन शब्दों को समय-समय पर विलोपित किया गया है, उन्हें शामिल करते हुए मार्गदर्शिका तैयार की जा रही है। कोशिश यही है कि विधानसभा सत्र के पहले यह सदस्यों को वितरित कर दी जाए। बताया जा रहा है कि इसमें नालायक, बेवकूफ सहित अन्य शब्दों को भी शामिल किया है।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का कहना है कि सदन की मर्यादा को बनाए रखने के जिम्मेदारी सभी सदस्यों की होती है। हमारा आचरण सदन में ऐसा होना चाहिए, जो दूसरों के लिए उदाहरण हो। कई बार आवेग में सदन में ऐसे शब्दों का उपयोग हो जाता है, जिन्हें कार्यवाही से विलोपित करना पड़ता है। ऐसे शब्दों का उपयोग सदस्य न करें, इसके लिए मार्गदर्शिका तैयार कराई गई है। विधायकों को यह प्रशिक्षण भी दिया जाएगा कि किस तरह उन्हें प्रश्न पूछने चाहिए ताकि उत्तर सदन में ही मिल जाए। सचिवालय ने प्रशिक्षण को लेकर सदस्यों से सहमति मांगी है ताकि इसमें गंभीरता रहे।