Mohan Cabinet Meeting Decision 2024 : सोमवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंत्रालय में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट सम्पन्न हुई।इस बैठक में उज्जैन विक्रमोत्सव मेला व्यापार 2024 में मोटरयान कर की दर में छूट,लोक सेवा आयोग में नई नियुक्ति, इंदौर-उज्जैन को 6-लेन करने और दो नये विश्वविद्यालय समेत 5 बड़े फैसले किए गए।
उज्जैन विक्रमोत्सव व्यापार मेला 2024 में टैक्स में छूट
मंत्रि-परिषद द्वारा उज्जैन विक्रमोत्सव व्यापार मेला 2024 में गैर- परिवहन यानों तथा हल्के परिवहन यानों के विक्रय पर जीवनकाल मोटरयान कर की दर में 50 प्रतिशत की छूट का निर्णय लिया गया। निर्णय के अनुसार विक्रीत वाहनों का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, उज्जैन से स्थाई पंजीयन कराने पर छूट दी जाएगी। उज्जैन के बाहर से आने वाले ऑटोमोबाइल व्यवसायी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय, उज्जैन में व्यवसाय प्रमाण-पत्र प्राप्त करने तथा मेला प्रांगण में अपनी भौतिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के बाद वाहन विक्रय कर सकेंगे।
इंदौर-उज्जैन को 6-लेन में विकसित करने 1692 करोड़ रु की स्वीकृति
- मंत्रि-परिषद द्वारा इंदौर-उज्जैन 4-लेन मार्ग को 6-लेन मय पेव्हड शोल्डर में विकसित करने की स्वीकृति दी गई हैं। इसकी लम्बाई 45.475 कि.मी. है। योजना अंतर्गत 1692 करोड़ रूपये लागत से 45.475 कि.मी. के इंदौर-उज्जैन 4-लेन मार्ग को 6-लेन मय पेव्हड शोल्डर में हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल (40:60) अंतर्गत निर्माण किया जाना है।
- परियोजना में समस्त स्ट्रक्चर्स का 6-लेन में निर्माण के साथ अतिरिक्त 1.10 किलोमीटर लम्बाई में शनि मंदिर एप्रोच रोड को 3-लेन में चौड़ीकरण किया जायेगा। परियोजना में महत्वपूर्ण जंक्शनों को ग्रेडसेपरेटर (वीयूपी और फ्लाईओवर) के साथ निर्माण किया जायेगा।
- मार्ग के एकरेखण में आने वाले दो फ्लाई ओवर, छः अंडरपास एवं आठ वृहद जंक्शन का निर्माण परियोजना के अंतर्गत किया जायेगा। योजना अंतर्गत आने वाले सभी जंक्शन का सुधार, सड़क सुरक्षा के लिये आवश्यक उपाय, रोड मार्किंग एवं रोड फर्नीचर इत्यादि का कार्य करवाया जायेगा।
लोक सेवा आयोग में दो सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में 1 अध्यक्ष एवं 4 सदस्यों सहित कुल 5 पद स्वीकृत हैं और वर्तमान में एक अध्यक्ष एवं दो सदस्य कार्यरत हैं। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में सदस्यों के दो रिक्त पद पर चयन समिति की अनुशंसा पर मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में डॉ. एच.एस. मरकाम, सहायक प्राध्यापक (दंत रोग), मेडिकल कॉलेज, जबलपुर एवं डॉ. नरेन्द्र कुमार कोष्टी, सहायक प्राध्यापक (अर्थशास्त्र), शासकीय महाकौशल कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, जबलपुर को सदस्य नियुक्त करने का अनुमोदन मंत्रि-परिषद ने किया।
आंवलिया मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 224 करोड़ 46 लाख रूपये
- मंत्रि-परिषद द्वारा खण्डवा जिले की तहसील खालवा के ग्राम रोशनी के समीप घोड़ापछाड़ नदी पर आंवलिया मध्यम सिंचाई परियोजना सिंचित क्षेत्र 6703 हेक्टेयर रबी के लिए 224 करोड़ 46 लाख रूपये कीपुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में उक्त परियोजना अंतर्गत 5 हजार हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र के लिये परियोजना लागत 165 करोड़ 8 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी। भू-अर्जन के विशेष पैकेज, सिंचित क्षेत्र में 1703 एकड़ की वृद्धि, निर्माण लागत में वृद्धि आदि से लागत में 59 करोड़ 38 लाख रूपये की वृद्धि की गई है। पुनरीक्षित परियोजना के लिये 224 करोड़ 46 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास कार्य के लिए 1500 करोड़
ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना विकास कार्य “मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अधोसंरचना विकास योजना” के नये कार्यों को स्वीकृत करने के लिए पूंजीगत मद में 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था वर्ष 2023-24 के लिये की जायेगी। विभाग द्वारा सूचकांक- 1 की अधिकतम सीमा 3 से बढ़ाकर 7 करने के प्रस्ताव का मंत्रि-परिषद ने अनुमोदन दिया।
दो नये विश्वविद्यालय
मंत्रि-परिषद द्वारा मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय (द्वितीय संशोधन) विधेयक- 2024 के माध्यम से मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन की स्वीकृति दी गई हैं। संशोधन अनुसार नए क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय अंतर्गत खरगोन एवं अन्य जिले तथा नए तात्या टोपे विश्वविद्यालय अंतर्गत गुना, अशोकनगर सहित अन्य जिलों के महाविद्यालयों को शामिल करने का निर्णय लिया गया हैं। इस संबंध में मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक का अनुमोदन मंत्रि-परिषद द्वारा किया गया।
गौशालाओं के लिए राशि और मानदेय वृद्धि का निर्णय
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक के पहले मंत्रीगण से चर्चा में कहा कि प्रदेश में गौ-माता के सम्मान के लिए शीघ्र ही कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने हैं। अक्सर वर्षा काल में प्रमुख सड़कों और राजमार्गों पर गौ-माता के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरें सामने आती हैं। कई बार गौ-माता इन दुर्घटनाओं का शिकार होकर मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं। इसलिए ऐसी व्यवस्था आवश्यक है कि गौ-माता सड़कों पर न दिखें और उन्हें गौशालाओं अथवा सुरक्षित स्थानों में स्थान मिले।
- गौशालाओं के लिए राशि और मानदेय वृद्धि का निर्णय लिया जाएगा। यदि गौ माता मृत्यु का शिकार होती है तो उनके सम्मानजनक दाह संस्कार की व्यवस्था होना चाहिए।इस संबंध में ग्राम पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम का दायित्व निर्धारित किया जाएगा। गौ माता के अवशेष कहीं अपमानित न हों इसके लिए समाधि अथवा उनके दाह संस्कार के लिए आवश्यक बजट आवंटन किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पशु पालन एवं डेयरी विभाग को इस संबंध में आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए ताकि वर्षाकाल के पूर्व व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा सकें।नगरों के महापौर और निकायों से जुड़े पदाधिकारी एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल किए जाएं। बैठक में गौ-शालाओं के बेहतर संचालन, गौ-पालकों द्वारा गौ-माता के स्वतंत्र विचरण पर अंकुश, पुलिस द्वारा सहयोग प्राप्त करने और केंद्र सरकार से इस संबंध में अधो संरचनात्मक कार्यों के लिए राशि प्राप्त करने पर भी चर्चा हुई। पशु पालन मंत्री लखन पटेल ने कहा कि वे शीघ्र ही गौशाला संचालकों को बैठक में आमंत्रित कर सुझाव प्राप्त करेंगे।