भोपाल| मध्य प्रदेश के इंदौर में दो साल पहले लापता हुई कांग्रेस नेत्री ट्विंकल डागरे (22 ) मामले का पुलिस ने शनिवार को खुलासा कर दिया है। उसकी हत्या की जा चुकी है। पुलिस ने भाजपा नेेता जगदीश करोतिया उर्फ कल्लु पहलवान और उसके बेटों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस हत्याकांड में नए खुलासे हो रहे है। वहीं आशंका है कि कई परतें ऐसी भी हैं जो अभी खुली नहीं है| इस बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कड़ा रूख अपनाते हुए इसके दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस हत्याकांड की सूक्ष्मता और निष्पक्षता से जाँच करने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं। वहीं मामले के खुलासे में देरी पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है|
सीएम कमलनाथ ने मेरी सरकार बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का नारा देने में विश्वास नहीं करती है, वो इसे अपना प्रमुख कर्तव्य समझती है। मेरी सरकार में बहन-बेटियों की सुरक्षा, सम्मान से कभी समझौता नहीं होगा और इसका दोषी कितना भी बड़ा व्यक्ति हो, उसे सजा अवश्य मिलेगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जिम्मेदार अधिकारियों को चेतावनी भरे निर्देश देते हुए कहा है कि मेरी सरकार में बहन-बेटियां की सुरक्षा-सम्मान में कोई कोताहि ना बरती जाए। प्रदेश में सुरक्षित माहौल तैयार किया जाए जहां वे बेखौफ आ-जा सके।
राजनैतिक संरक्षण का भी खुलासा हो
मुख्यमंत्री ने इंदौर आईजी वरुण कपूर को निर्देश देते हुए कहा कि परिवार के लगातार गुहार के बावजूद क्या कारण रहे, जिससे इस हत्याकांड का 2 वर्ष तक ख़ुलासा नहीं हो सका ? किसके दबाव में अभी तक यह हत्याकांड दबा रहा, एक बेटी को न्याय नहीं मिल ? किसका आरोपियों को संरक्षण रहा? कौन- कौन अधिकारी इस केस की जाँच से जुड़े रहे और किसने इस हत्याकांड को उजागर करने में लापरवाही बरती? कौन-कौन इसके दोषी है, उन पर कड़ी कार्रवाई हो ? उन्हें बख़्शा नहीं जाए। क्या कोई राजनैतिक संरक्षण इस केस को लेकर था, उसका भी ख़ुलासा किया जाए।
शिवराज पर निशाना
सीएम ने शिवराज को भी निशाने पर लिया| उन्होंने कहा कि इंदौर की एक बेटी ट्विंकल डागरे जो पिछले 2 वर्ष से लापता थी। जिसको ढूंढने को लेकर और उसकी हत्या की आशंका जताकर उसका परिवार निरंतर गुहार लगा रहा था। हर दरवाज़े पर दस्तक देता रहा। धरना देने से लेकर उन्हें न्यायालय तक गुहार लगाना पड़ी। उनकी पिछले 2 वर्षों में कही सुनवाई नहीं हुई। जबकि इंदौर को पूर्व मुख्यमंत्री अपने सपनों का शहर बताते थे। उनकी सरकार बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का नारा देती थी। उनकी चुनावी सभा तक में पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लेकर गया, लेकिन उन्हें अपमानित कर भगा दिया गया, उन्हें न्याय नहीं मिला।