भोपाल।
विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने तैयारियां शुरु कर दी है। इसके लिए 27 जनवरी को राजधानी भोपाल में अहम बैठक बुलाई गई है। खबर है कि बैठक समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह करेंगे। बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियाों और रणनीतियों को लेकर मंथन किया जाएगा।वही बैठक में प्रभारी मंत्री जिलों की रिपोर्ट सौंपेंगें और बताएंगे की वर्तमान में जिलों की स्थिति कैसी है। वही सभी से राय ली जाएगी कि किन मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जाना चाहिए। संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए क्या जाना चाहिए। साथ ही राहुल-प्रियंका की सभाओं को लेकर भी चर्चा की जाएगी। इस बैठक में प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया और सीएम कमलनाथ भी मौजूद रहेंगें।
दरअसल, इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का फोकस एमपी की 24 सीटों पर है। विधानसभा चुनाव की तरह एकजुट होकर कांग्रेस फिर भाजपा के अभेद किलो में सेंध लगाने की तैयारी कर रही है।इसके लिए पार्टी ने फिर पूर्व मुख्य मंत्री दिग्विजय सिंह पर भरोसा जताया है। लिहाज़ा लोकसभा चुनाव में भी दिग्विजय सिंह समन्वय समिति के अध्यक्ष बने रहेंगे। उन्हें ही आगामी चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी के चलते 27 जनवरी को राजधानी भोपाल में बैठक बुलाई गई है, जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा की जाएगी। इसमें बीजेपी को घेरने की रणनीति, कर्जमाफी से किसानों को साधने, टिकट बंटवारे और मंत्री पद की मांग किए हुए विधायकों को मनाने आदि बातों को लेकर मंथन किया जाएगा। हालांकि उम्मीदवारों का चयन सर्वे के आधार पर ही किया जाएगा।
बैठक में पूछेंगें दिग्विजय किन मुद्दों पर लड़ा जाए चुनाव
इसके अलावा सभी से राय ली जाएगी कि किन मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ा जाना चाहिए। ऐसे कौन से कार्य है जिन्हें सरकार को प्राथमिकता से करना चाहिए ताकि लोकसभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके। संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने के लिए क्या जाना चाहिए। बैठकों में प्रशिक्षण सत्रों को लेकर भी कार्यक्रम तय होंगे। इसके अलावा घोषणा पत्र को लेकर भी चर्चा की जा सकती है। खबर है कि इस बार घोषणा पत्र में विधानसभा चुनाव की तरह पार्टी किसानों को फिर बड़ी सौगात दे सकती है। इस बैठक में सीएम कमलनाथ और प्रदेश प्रभारी दीपक बावारिया भी मौजूद रहेंगे।हालांकि सिंधिया इस बैठक में शामिल होंगें या नही यह अभी तक स्पष्ट नही हो पाया है, क्योंकि हाल में उन्हें यूपी का महासचिव बनाया है, जिसके चलते वे प्रियंका के साथ अपना पूरा फोकस यूपी पर किए हुए है।
आचार संहिता से पहले राहुल-प्रियंका की सभा पर फोकस
लोकसभा प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में सभा स्थल की जानकारी भी जुटाएंगे। साथ ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी या महासचिव प्रियंका गांधी की सभाओं की संभावना भी जरुरत के हिसाब से तलाशी जाएगी। कांग्रेस की कोशिश है कि राहुल और प्रियंका की ज्यादा से ज्यादा सभाएं मध्यप्रदेश में हो पाएं। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले भी कांग्रेस राहुल गांधी की कुछ सभाएं करवाना चाहती है।
प्रदेश को 4 जोन में किया गया है विभाजित
लोकसभा चुनाव की नजर से प्रदेश को चार जोन में बांटा गया है। पहला जोन मालवा-निमाड़, दूसरा मध्य-ग्वालियर चंबल, तीसरा बुंदेलखंड-विंध्या और चौथा जोन महाकौशल को रखा गया है। चुनाव की रणनीति भी इसी तरह तैयार की जा रही है। इन चारों जोन के प्रभारी एआईसीसी के प्रदेश प्रभारी सचिवों को बनाया गया है।
विधानसभा में पर्दे के पीछे रहकर दिग्गी ने ऐसे संभाला था काम
विधानसभा चुनाव के दौरान दिग्विजय पर्दे के सामने ना होकर पर्दे के पीछे रहकर काम कर रहे थे।लेकिन इस बार वे फ्रंट पर आ गए है। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह को कांग्रेस की समन्वय समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। इस दौरान दिग्विजय सिंघ ने चुनावी प्रचार प्रसार नहीं किया था, सिर्फ़ पूरे प्रदेश में घूमकर कांग्रेस नेताओ को मनाया था। यहां तक कि टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में नामांकन दाखिल करने वाले नेताओं को भी मनाकर परचा वापस करवाया था। नतीजन मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी।हालांकि कांग्रेस बहुमत हासिल ना कर सकी लेकिन समर्थन से सरकार बनाने में कामयाब रही।कांग्रेस यही सिलसिला लोकसभा चुनाव में भी जारी रखना चाहती है। लिहाज़ा दिग्विजय सिंह को पुन: समन्वय समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोकसभा चुनाव तक दिग्विजय के नेतृत्व में समन्वय समिति काम करती रहेगी। ये समिति नाराज नेताओं को मनाएगी और कांग्रेस के पक्ष में चुनाव में लगाएगी।