भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस में सरकार बनने के दो माह में ही आंतरिक कलह उजागर होने लगी है| कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री और आईटी सेल एवं सोशल मीडिया सेल की पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष करुणा शर्मा ने इस्तीफ़ा देकर संगठन पर सवाल उठाये हैं| उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया है|
करुणा शर्मा लम्बे समय से कांग्रेस से जुडी हुई हैं| वह महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व प्रदेश कार्यालय प्रभारी रह चुकी हैं| शर्मा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि उन्हें बिना बताये सगठन की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया है| जबकि उन्होंने दिन रात पार्टी के लिए काम किया और उनके लिए हमेशा परिवार से अधिक संगठन प्राथमिकता रहा|
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है पिता स्व पं रामनयन पुरोहितजी ने कांग्रेस की सेवा में अपना समस्त जीवन दिया, 2009 में मैने स्वयं को कांग्रेस को समर्पित किया, कई बार परिवार की जगह पार्टी को वरीयता देते हुए सूर्योदय के पूर्व से लेकर देर रात तक काम किया, जो कि एक मध्यमवर्गीय परिवार की महिला के लिए कहीं से बहुत आसान कार्य नहीं हैं| उन्होंने लिखा है कि संगठन हमेश उनकी प्राथमिकता रहा है, इसके बाद भी कांग्रेस की सरकार आई और बिना कोई वजह बताये मुझे संगठन की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया| उन्होंने लिखा है कि इसकी जानकारी ईमेल और व्हाट्सअप पर राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया समेत सभी बड़े नेताओं को दी| लेकिन अब कांग्रेस सरकार में आ चुकी है, इसलिए मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता की पार्टी को आवश्यकता नहीं रही|