भोपाल/होशंगाबाद।
भाजपा की हार के बाद पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नवनिर्वाचित भाजपा विधायक डॉ. सीताशरण शर्मा ने अगला चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने उम्र का हवाला देते हुए राजनीति से दूर हटने की बात कही है।बताते चले कि उन्होंने इस चुनाव में अपने गुरु और कांग्रेस प्रत्याशी सरताज सिंह को 15 हजार 217 मतों से हराया था।
दरअसल, गुरुवार को चुनाव जीतने के तीसरे दिन ही डॉ. शर्मा ने सार्वजनिक रूप से कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव था। वे अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे, क्योंकि तब तक उनकी उम्र 73 साल हो जाएगी।अभी शर्मा की उम्र 68 साल है।शर्मा ने कहा कि ये निर्णय जीतने के तत्काल बाद इसलिए ले लिया कि हमें समाज में मापदंड तय करना है कि हम सिर्फ अगला चुनाव जीतने के लिए ही सेवा और राजनीति नहीं करते। जनता की सेवा चुनाव लड़ने की इच्छा के बिना भी की जा सकती है। मुझे समाजसेवा करना है और शिक्षा और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और शहर को अपराध मुक्त करना है। मैं मरते दम तक जनता की सेवा करूंगा। डॉ शर्मा ने कहा कि उन्होंने ये फैसला चुनाव लड़ने के दौरान ही ले लिया था। जब राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल जी होशंगाबाद आए थे, उसी समय उनसे ये बात कह दी थी।
बता दे कि सीतासरण शर्मा ने पूर्व मंत्री और बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आए सरताज सिंह को 15 हजार 217 मतों से हराया था। सरताज सिंह को 6699 वोट मिले जबकि डॉ शर्मा के खाते में 82216 वोट प्राप्त हुए थे। डॉ सीताशरण शर्मा 14 वीं विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष भी थे।
राजनीतिक सफर
सन् 1977 से जनता पार्टी तत्पश्चात् भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध रहे हैं। सन् 1990 में नौवीं एवं सन् 1993 में दसवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। सन् 1990-91 में प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति एवं 1991-92, 1994-96 तथा 1996-98 में क्रमश: विशेषाधिकार, पुस्तकालय एवं सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे। सन् 1998 में ग्यारहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए। सन् 2013 में चौथी बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित हुए।14वीं विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के पद पर रहे ।