बालाघाट।
सत्ता का नशा ऐसा है कि इंसान इसके लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाता है। लोकसभा चुनाव में टिकट ना मिलने से नाराज कई नेता निर्दलीय चुनाव लड़ने की ताल ठोक रहे है, हालांकि पैसा की कमी के चलते कई अपने पैर पीछे खींच रहे है तो कई पैसों के लिए अपनी किडनी तक बेचने को तैयार हो गए ह। ताजा मामला बालाघाट से सामने आया है, यहां लांजी के पूर्व विधायक और बालाघाट लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी किशोर समरीते ने चुनाव लड़ने के लिए निर्वाचन आयोग से रुपयों की मांग की है। साथ ही उन्होंने लिखित पत्र में रुपए नहीं दिए जाने पर किडनी बेचने की भी अनुमति मांगी है। इस पत्र के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है।
बालाघाट लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय प्रत्याशी किशोर समरीते ने कलेक्टर कार्यालय में भारत निर्वाचन आयोग के नाम दिए गए पत्र में समरीते ने कहा है कि लोकसभा चुनाव की व्यय सीमा 75 लाख रुपए है, लेकिन इतना महंगा चुनाव लड़ने के लिए उनके पास रुपए नहीं हैं। मांग पत्र में कहा है कि उनके विरुद्ध लड़ने वाले उम्मीदवार करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। इसके चलते चुनाव आयोग से वित्तीय सहायता मांगी है।
समरीते ने बताया कि बालाघाट की राजनीति पूंजीपतियों पर आकर सिमट गई है। चुनाव में अनाप-शनाप रुपया खर्च किया जाता है। जिससे आम आदमी के लिए प्रतिनिधित्व करना और चुनाव लड़ना मुश्किल हो गया है। मुझे चुनाव लड़ने रुपयों की आवश्यकता है। निर्वाचन आयोग 75 लाख रुपए दे या किडनी बेचने की अनुमति मांगी है।