भोपाल।
लोकसभा चुनाव से पहले संविदा कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर है।कमलनाथ सरकार संविदा कर्मचारियों को रोजगार देने जा रही है। सरकार ने फैसला किया है कि वह मातृ वंदना योजना की गतिविधियों का संचालन करने के लिए महिला बाल विकास विभाग में संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी।इसका प्रस्ताव कैबिनेट को भी भेज दिया गया है और जल्द ही इसके मंजूरी देकर लागू किया जाएगा। इसके पीछे सरकार का बड़ा उद्देश्य वोटबैंक को बढ़ाना है, चुंकी वर्तमान में सरकार युवाओं के लिए कुछ खास नही कर पाई है और अगर इस योजना के माध्यम से सरकार रोजगार देती है तो जनता के बीच एक मैसेज जाएगा कि सरकार बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर तलाश रही है और इसको लेकर गंभीर है।जिसका फायदा लोकसभा चुनाव में मिलना तय है।
दरअसल, विधानसभा में जीत के बाद सरकार का फोकस लोकसभा चुनाव पर है। सरकार चाहती है कि विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को ज्यादा से ज्यादा पूरा किया जाए ताकी इन्हें लोकसभा चुनाव में जनता के बीच भुनाने का फायदा मिले। वही सत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार ने भले ही कर्जमाफी कर किसानों को बड़ी राहत दे दी हो लेकिन अब तक बेरोजगारों को रोजगार देने में कुछ बड़ा नही कर पाई है। हालांकि युवा स्व रोजगार योजना शुरु की गई है, लेकिन इसका अभी लाभ मिलना शुरु नही हो पाया है। इसी के चलते यह कदम उठाया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से सरकार 104 संविदा कर्मचारियों को नौकरी देगी। यह कर्मचारी जिलों में रहकर गर्भवती महिलाओं के प्रस्ताव राज्य तक पहुंचाएंगे और उन्हें आर्थिक सहायता दिलवाने में मदद करेंगे।उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य सरकार लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले प्रस्ताव को मंजूरी देकर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करा देगी। इसका फायदा सरकार को लोकसभा चुनाव में मिल सकता है, क्योंकि प्रदेश में बेरोजगारी अभी भी बड़ा मुद्दा बना हुआ है और सरकार अब तक इस दिशा में ठोस प्रयास नहीं कर पाई है।
जाने क्या है प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के निर्देशों के तहत गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा और जच्चा-बच्चा को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत की गई। इसे वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे लॉन्च किया था। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को 6000 रुपए की मदद मिलती है। यह मदद सरकारी नौकरी वाली महिलाओं को छोड़कर को छोड़कर, हर गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिला को मिलती है।योजना का संचालन आंगनवाड़ी केंद्रों या स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों के माध्यम से होता है। इस योजना का लाभ सभी आय वर्ग की गर्भवती महिलाओं को मिल सकता है। योजना का लाभ पाने के लिए महिला की उम्र 19 वर्ष होना जरूरी है।प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत तीन किस्तों में 5000 रुपए ही मिलते हैं। लेकिन लाभार्थी महिला के किसी संस्था (सरकारी या अनुमोदित अस्पताल) में प्रसव कराने पर जननी सुरक्षा योजना के तहत 1000 रुपए की मदद अतिरिक्त रूप से मिलती है। इस प्रकार प्रत्येक महिला को कुल 6000 रुपए तक मातृत्व लाभ दिया जाता है।